मार्च 2018 में कैबिनेट से निजीकरण के संबंध में दो फैसले हुए। पहला फैसला छह जिलों जिसमें रायबरेली, मऊ, उरई, आजमगढ़, जौनपुर तथा एक अन्य जिले की बिजली व्यवस्था सर्विस प्रोवाइडर को देने का फैसला हुआ। इस फैसले के बाद इसके लिए टैंडर और बिडिंग हो गई। मार्च 2018 में ही कैबिनेट से हुआ जिसमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मुरादाबाद और मेरठ शहर की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में दिए जाने का फैसला हुआ। फैसले का कर्मचारी संगठनों ने पुरजोर विरोध किया।
बिजली विभाग से संबंधित अन्य पोस्ट भी देखें :
- विद्युत उपभोगता शिकायत निवारण फोरम
- मीटर रीडर की शिकायत कैसे करें
- बिजली वाले कैसे आपको लूटते है जाने इस विडियो में
- शिकायत पत्र कैसे लिखें
- उपभोक्ता मुआवजा कानून
- बिजली कनेक्शन 1 है पर बिजली बिल 2 आ रहे है
- बिना मीटर के बिजली कनेक्शन
- बिजली विभाग का टोल फ्री 1912 किसी काम का नहीं
- बिजली कनेक्शन कैसे कटवाए
- RTI लगाना सीखिए मात्र 5 मिनट में
उपभोगता जाग्रति और सरक्षण के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब जरुर करें |
बिजली विभाग से संबंधित परामर्श के लिए हमसे फोन पर बात करना चाहते है तो Call Consultation Book कीजिये जिसके बाद हमारी टीम आपको Call करेगी जिसकी जानकारी आपको बुकिंग के बाद SMS में प्राप्त हो जाएगी। बुकिंग के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://bit.ly/3RI4hJP