सात साल बाद भी दोबारा नहीं बन सकी पावर लाइन

मलियाना के एसडीओ व जेई की लेटलतीफी कंज्यूमर पर भारी

जनवाणी संवाददाता, मेरठ | बिजली महकमे को पूरा पैसा दिए जाने के बावजूद रोहटा रोड लखवाया रसूलपुर का एक कारोबारी पिछले करीब 10 साल से पावर अफसरों के झटके झेलने को मजबूर है। मलियाना बिजलीघर के अफसरों ने अपनी गलती पर पर्दा डालने को उल्टे करीब 80 हजार का जुर्माना इस कारोबारी पर कर दिया था। गनीमत यह रही कि मामले की जांच हो गयी और जुर्माने से किसी प्रकार छुटकारा मिल गया, लेकिन मलियाना बिजलीघर की एसडीओ व अवर अभियंता की कारगुजारियों की वजह से करोबारी मैराजुद्दीन का जीना दुश्वार हो चुका है।

ये हुआ कारोबारी संग

रोहटा रोड लखवाया रसूलपुर में विंडो व गेट का कारोबार करने वाले मेराजुद्दीन ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में कामर्शियल कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। जो भी इस्टीमेट बनाकर दिया था वो रकम भी उन्होंने जमा करा दी थी। रकम जमा कराए जाने के बाद खंभा भी लग गया और लाइन भी खींच दी गयी, लेकिन माना जा रहा है कि घटिया सामग्री प्रयुक्त किए जाने के चलते वो खंभा बहुत जल्द गिर गया। जो लाइन टांगी गयी थीं, वो नीचे आ गयीं। यह सब साल 2007- 08 में हुआ था। कारोबारी ने बताया कि इस दौरान तमाम एसडीओ व अवर अभियंता आए और चले गए। वर्तमान में एसडीओ ज्योति व अवर अभियंता शुभम चौधरी यहां जमे हैं। शुभम चौधरी बीते करीब चार साल से इस बिजली घर पर हैं। ऐसा नहीं कि उनकी जानकारी में यह प्रकरण नहीं है।

कई बार उनके सामने ये मामला पहुंचा, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई, लेकिन दुखद यह है कि जानकारी में होते हुए भी दोबारा लाइन नहीं बनायी जा सकी है। नौबत यहाँ तक नहीं रही, कारोबारी ने बताया कि जब वह अपनी परेशानियों को लेकर आए दिन अधिकारियों के पास लंबी-लंबी शिकायतें भेजता था तो अफसरों ने सबक सिखाने के लिए उस पर भारी भरकम जुर्माना ठोक दिया, लेकिन गनीमत यह रही है कि उसका संपर्क किसी माध्यम से आरटीआई एक्टिविस्ट पं. नरेश शर्मा से हो गया। आरटीआई एक्टिविस्ट ने तो संवाददाता के सामने एसडीओ व अवर अभियंता की कारगुजारियों का पुलिंदा ही खोलकर रख दिया। उन्होंने बताया कि एसडीओ व जेई की कारगुजारियों का यह इकलौता मामला नहीं है। नरेश शर्मा ने जानकारी दी रोहटा रोड रसूलपुर लखवाया मलियाना में जिस जगह पूर्व में लाइन टूट गयी थी, उसको दोबार से बनवाने के लिए अब उन्हें एमडी पावर से मिलना पड़ा है। क्योंकि मलियाना के एसडीओ व अवर अभियंता का रवैया उपभोक्ताओं के लिए ठीक नहीं।

एसडीओ और जेई की लापरवाही बनी है मुसीबत

पीड़ित कारोबारी ने बताया कि किसी भी वजह से ही सही लेकिन जो लाइन डेमेज हो गयी थी, उसको बजाए ठीक प्रकार से लगाने के जुगाड़ सिस्टम किया हुआ है। इस इलाके में बंदर काफी हैं। लटकी हुई लाइन और बंदरों का प्रकोप इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी मुसीबत उठानी पड़ रही है।

एक ही झटके में ठंडे पड़े 52 चूल्हे

जनवाणी संवाददाता, मेरठ | 15 साल से पीवीवीएनएल में नौकरी कर रहे 52 कर्मचारियों के चुल्हे बुझा दिए गए हैं। पीवीवीएनएल के इंडोयू सेकेंड मवाना व हस्तिनापुर में काम कर रहे 52 कर्मचारियों की जगह नई कंपनी दूसरे कर्मचारी रखेगी। दरअसल, 1 अप्रैल से पीवीवीएनएल में संविदा कर्मचारियों की नई कंपनी प्राइमवन ने काम शुरू कर दिया है। नई कंपनी के आने के साथ ही मवाना व हस्तिनापुर डिविजन के 52 कर्मचारियों को बाहर व संविदा के नए कर्मचारियों की भर्ती का खेल शुरू कर दिया गया है। यह खबर गुरुवार को जब पीवीवीएनएल मुख्यालय व कर्मचारी नेताओं को मिली तो उनमें आक्रोश फैल गया। संविदा विद्युत कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के तमाम पदाधिकारी व अन्य नेता कर्मचारी नेता भूपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में सीधे चीफ राघवेन्द्र के आफिस जा पहुंचे।

10 साल नौकरी करने के बाद नौकरी से बाहर किए जाने की भनक लगाने के बाद मथाना व हस्तिनापुर डिविजन के 52 कर्मचारियों को नींद उड़ गई है। यहाँ दूसरी ओर कर्मचारी नेता भूपेन्द्र सिंह ने 52 कर्मचारियों को पीवीवीएनएल से बाहर किए जाने के सवाल पर अफसरों को चेतावनी दी है कि कर्मचारियों के उत्पीड़न का खेल बंद करें कर्मचारी दिन रात जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। यदि किसी भी कर्मचारी को बाहर किया गया तो फिर सामूहिक इस्तीफे होंगे। कर्मचारियों ने बताया कि हरियाणा की अडाना कंपनी ने भी 1 अप्रैल से काम शुरू किया है। वहां किसी कर्मचारी को नहीं हटाया गया है। बल्कि कर्मचारियों को सेलरी भी आ गयी है।

मवाना और हस्तिनापुर में पीवीवीएनएल ठेकेदार करेगा नई भर्ती

खेल के पीछ कौन ? – वहीं दूसरी ओर कर्मचारी नेताओं ने बताया कि इस सारे खेल के पीछे एसडीओ व अवर अभियंता है। नाम न छापे जाने की शर्त पर एक अन्य बड़े कर्मचारी नेता ने बताया कि प्राइमवन कंपनी के एमडी प्रशांत त्यागी से बात की गयी है। उन्होंने साफ किया है कि कंपनी का किसी को निकालने का कोई इरादा नहीं। वहीं, इस संबंध में पीवीवीएनएल के रुलर चीफ राजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं बेहतर जानकारी मवाना / हस्तिनापुर देख रहे धर्मविजय दे सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कर्मचारी नेता भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि राजेन्द्र सिंह यादव के अधिकार क्षेत्र का मामला है।

संविदा कर्मियों ने दी सामूहिक इस्तीफे देने की घोषणा

मवाना विद्युत संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद काशिफ ने अफसरों को भेजे ज्ञापन में कहा कि क्षेत्र के बिजलीघरों पर सावदा लाइनमैनों के साथ नई कम्पनी कर्मचारियों का नए-नए तरीकों से शोषण कर रही है। पुराने योग्य कर्मचारी कई सालों से विभाग में काम कर रहे है। उनको हटाकर नए कर्मचारियों की नियुक्तियां की जा रही है। इस मामले का संज्ञान लेकर संगठन व कम्पनी के साथ वार्ता कराकर समस्या का समधान कराने का प्रयास किया जाये।

बिजली विभाग से संबंधित अन्य पोस्ट भी देखें :

उपभोगता जाग्रति और सरक्षण के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब जरुर करें |

Social Share:

Leave a Comment

Change Image

Exit mobile version