जागरण संवाददाता, शामली | ऊर्जा निगम में बिना एस्टीमेट के कैराना और कंडेला में खींची अवैध लाइन प्रकरण में ऊर्जा निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। लाखों के फर्जीवाड़े पर एमडी मेरठ ने जहां अधिशासी अभियंता चतुर्थ समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया, वहीं अधीक्षण अभियंता को मुजफ्फरनगर मुख्य अभियंता कार्यालय से अटैच किया है तथा अधिशासी अभियंता तृतीय का तबादला बिजनौर कर दिया।
अधीक्षण अभियंता चीफ कार्यालय में किए अटैच, एक एक्सईएन का तबादला
दैनिक जागरण ने कैराना में 21 खंभों की विद्युत लाइन और औद्योगिक क्षेत्र में अवैध तरीके से अंडर ग्राउंड लाइन बिछाने का भंडाफोड़ किया था। प्रकरण में एंटी पावर थेफ्ट थाने में एल एंड टी के ठेकेदार सुनील और लाइनमैन | लखपत के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर ली थी, लेकिन दैनिक जागरण ने मामले को लगातार प्रकाशित किया। मुख्य अभियंता पीके अग्रवाल ने फर्जीवाड़े की जांच की। कैराना में 21 खंभों के साथ ही कंडेला की भूमिगत लाइन भी अवैध मिली। मुख्य अभियंता ने लाइन की उखड़वाकर स्टोर में जमा करा दिया। ऊर्जा निगम की एमडी ईशा दुहन ने मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध एवं तत्कालीन कैराना एसडीओ ओपी बेदी, स्थानांतरण हो चुके तत्कालीन कैराना जेई सुनील कुमार तथा अधिशासी अभियंता चतुर्थ रविंद्र प्रकाश को निलंबित कर दिया।
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