ब्रेकडाउन – तीन इकाईयों के उत्पादन ठप्प होने से बढ़ा विद्युत संकट

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समानता से हो बिजली कटौती : उपभोक्ता परिषद

मोहन धारा संवाददाता लखनऊ। प्रदेश में रोस्टिंग और ब्रेकडाउन को शामिल कर लिया जाए तो बिजली की डिमांड लगभग 29000 से 30000 मेगावाट के बीच चल रही है। लेकिन प्रदेश में तीन उत्पादन इकाइयां बंद होने से लगभग 1070 मेगावाट की कमी आई। ऐसे में वर्तमान में 28500 मेगावाट की उपलब्धता से विद्युत संकट बढ़ा है। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत संकट के दौरान बहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कटौती को लेकर सवाल करते हुए कहा कि जब संकट आता है तो पहले ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली कटौती सबसे पहले षुरू कर दी जाती है। उन्होंने इसे गलत बताते हुए समान रूप से ग्रामीण एवं षहरी क्षेत्र की बिजली कटौती किए जाने की मांग की है। उपभोक्ता परिषद के अनुसार सबसे ज्यादा ब्रेकडाउन तार टूटना ट्रांसफार्मर जलन केबल फॉल्ट होना इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र ही झेलता है। ऐसे में बिजली की कमी पर भी उन्हीं के साथ कटौती का फार्मूला अपनाया जाना गलत अब इस पुरानी परिपाटी में हो बदलाव की जरूरत है।

उपभोक्ता परिषद के अनुसार प्रदेश में बिजली की उपलब्धता 28500 के आसपास है। इसी बीच 18 से 22 मई के बीच ओबरा की 200, ऊंचाहार 210 मेगावाट और आज ललितपुर की 660 मेगावाट की मशीन जिसमे 2 में ब्वॉयलर ट्यूब लीकेज की वजह से बंद हो होने तथा इनके पुनः ऊर्जा का उत्पादन एक-दो दिन में शुरू होने की वजह से लगभग 1070 मेगावाट की गिरावट आ गई। ऐसे में ऊर्जा मंत्री द्वारा सबको 24 घंटे बिजली दिए जाने के फॉर्मूले पर ग्रहण लग गया। घोषित तौर पर गांव में लगभग 2 घंटे बिजली कटौती होने लगी। जबकि अघोषित रूप से ब्रेकडाउन और रोस्टिंग के चलते जो बिजली कट रही उसका कोई हिसाब किताब नहीं ।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवध श कुमार वर्मा वर्मा ने कहा वर्तमान में उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा ब्रेकडाउन, तार टूटने, ट्रांसफार्मर जलने के कारण ग्रामीण उपभोक्ताओं को सरकार की मंषारूप बिजली आपूर्ति नही हो पा रही है। जबकि अचानक बिजली की कमी आने पर सबसे पहले कटौती भी ग्रामीण उपभोक्ता की होती हैं यह उचित नही है । | उपभोक्ता उपभोक्ता परिषद के | अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार और पावर कॉरपोरेशन दोनों को सोचना चाहिए कि बिजली आवश्यक सेवाओं का अंग हैं। यदि उसकी कमी पर कटौती राजस्व के आधार पर की जाएगी तो यह गलत है। जहां से राजस्व ज्यादा आता है वहां बिजली | कटौती सबसे बाद में की जाती है। जहां से राजस्व काम आता है वहां पर बिजली की कटौती सबसे पहले की जाती है। यह फार्मूला पूरी तरह गलत है।

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