CM से करेंगे बिजली दर कम करने की मांग

लखनऊ (सं)। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि बिजली कम्पनियां बिजली दरों में बढ़ोतरी की कोशिश कर रही है। इसके लिए उन्होंने घाटे का आधार बनाया है। जबकि बिजली कम्पनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 33122 करोड़ रुपये का जिक्र नहीं किया जा रहा है। हालांकि इस धनराशि के एवज में बिजली दरों में कमी की जा सकती है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष इस मामले में सीएम योगी और ऊर्जा मंत्री से मिलकर दरों में कमी करने की मांग करेंगे। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण में 65 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकती है तो आम उपभोक्ताओं और किसानों की कनेक्शन की दरों में छूट क्यों नहीं दी जा सकती।

वर्मा ने कहा कि जल्द ही बिजली दरों पर सुनवाई होगी जिसमें उपभोक्ता परिषद इस मुद्दे को उठाएगा। इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। इसके लिए पूरी कोशिश होगी कि घरेलू बिजली की दरों में बढ़ोतरी न हो। दरों के साथ विद्युत सामग्री की कीमत भी बिजली कम्पनियां बढ़ाना चाहती हैं इस मामले में भी उपभोक्ता परिषद विरोध करेगा। उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड़ रुपया सरप्लस निकल रहा है ऐसे में आयोग को बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव मांगना चाहिए था। जब आयोग ने स्वतः सरप्लस पैसा निकाला है तो बिजली दरो में बढ़ोतरी का सवाल ही नहीं उठाता। जुलाई में शुरू होने वाली जन सुनवाई से पहले उपभोक्ता परिषद ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें पूरी हकीकत से अवगत कराते हुए दरों में कमी का आग्रह करेगा।

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