कमिश्नर ऑफिस भी लो वोल्टेज से मुक्त नहीं

जनवाणी संवाददाता, मेरठ | कमिश्नर ऑफिस भी लो वोल्टेज की समस्या से जुझ रहा है। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे बिजली के नखरे शुरू हो गए। बिजली सप्लाई तो जारी थी, लेकिन लो वोल्टेज ने इस जानलेवा गर्मी में सुख, चेन छीन लिया था। ऑफिस का स्टाफ लो वोल्टेज की समस्या से बेहाल नजर आया। सिविल लाइन के वीआईपी इलाके में स्थित कमिश्नर ऑफिस को भी यदि पीवीवीएनएल ठीक प्रकार से बिजली सप्लाई नहीं कर सकता तो अंदाजा लगा लीजिए कि जनपद के अन्य इलाकों का क्या हाल होगा। वहीं, दूसरी ओर शहर के बड़े इलाके को करीब आठ घंटे बिजली कटौती झेलनी पड़ी। दरअसल, हुआ ये कि तेज के चलने की वजह से हाइटेंशन लाइन पर पेड़ की मोटी टहनी टूटकर गिर पड़ी। इसके चलते स्टॉफ ने शटडाउन लिया और शहर घंटाघर रेलवे रोड, केसरगंज व पत्थर वालान फीडर बंद कर दिए गए। लोगों ने बताया कि आठ घंटे से ज्यादा वक्त बीतने के बाद ही लाइट के दर्शन हो सके।

  • आठ घंटे नहीं आयी लाइट बंद रहे शहर घंटाघर, रेलवे रोड, केसरगंज और पत्थर वालान फीडर

जिन इलाकों के फीडर बंद किए गए, उस इलाके के लोगों ने उमस भरी गर्मी में बिजली कटौती की मुसीबत ही नहीं उठायी, बल्कि बूंद-बूंद पानी को भी तरस गए। इस इलाके | के आरटीआई एक्टिविस्ट सचिन गुप्ता ने बताया कि तड़के चार बजे बत्ती गुल कर दी गयी थी। यही वक्त नींद का पीक ओवर माना जाता है। अचानक बत्ती गुल होने से गहरी नींद में सो रहे लोग हड़बड़ाकर जाग गए। एक तो जानलेवा गर्मी उस पर लाइट नहीं, ऐसे में इनवर्टर भी देर तक साथ नहीं निभा सके। सबसे ज्यादा मुसीबत उन्होंने उठायी, जिन्हें एसी में रहने की आदत है। ऐसे तमाम लोग बिजली के बगैर बेहाल रहे। लोग बिजलीघर के चक्कर काटते रहे। गुरुवार दोपहर 12 बजे लाइट आयी, तब कहीं जाकर लोगों को राहत मिल सकी। वहीं, इस संबंध में चीफ धीरज सिन्हा ने बताया कि पेड़ की बड़ी टहनी हाइटेंशन लाइन पर आकर गिर पड़ी थी। सूचना मिलते ही टीम वहां पहुंच गयी। फिलहाल लाइन चालू है ।

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