अगर बिल रिविजन जाँच हो तो निकलेगा लाखों का घोटाला

उरई (जालौन) : जनपद के विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी की कार्यप्रणाली चर्चा का विषय बनी हुई है। विभागीय जानकारों की मानें तो उक्त अधिकारी ने कुछ समय के लिए अलग अलग समय में मिले दोनों डिवीजनों के चार्ज के दौरान नियम कानून को खूंटी पर टांग कर बिल रिवीजन कर लम्बा फीलगुड का सुखद अहसास कर लिया और विभाग को लाखों के राजस्व का चूना लगा डाला।

गौरतलब रहे कि अपने तैनाती समय से जनपद में अपनी कार्यप्रणाली के लिए चर्चित रहे उक्त अधिकारी के दर के दरवाजे हर किसी के लिए खुले रहते हैं, लेकिन इसमें शर्त केवल इतनी है कि जो भी काम लेकर पहुंचे चाहें वह मीटर रीडर हो या बाबू या अन्य कोई, उसकी जेब में वजन होना चाहिये। विभागीय जानकार इस बात की खुलेआम पुष्टि करते हैं कि अगर उच्च स्तर पर उक्त अधिकारी की जनपद में तैनाती काल के दौरान से किये गए कार्यों की जांच अगर हो हो जाये तो उक्त अधिकारी का फिर बहाल होना मुश्किल हो जाये। जब डिवीजन द्वितीय का उक्त अधिकारी को वर्तमान अधिकारी के बीमार हो जाने के चलते जब लम्बी छुट्टी पर जाना पड़ा था तो अल्प समय में इन्होंने सब नियम ताक पर रखकर बिल संशोधन कर डाले। तो वहीं लाखों के कई सालों से वह भुगतान जो वर्तमान अधिकारी नहीं कर रहे थे, उनको फीलगुड कर कर दिया। कमोबेश यही स्थिति डिवीजन प्रथम में रही।

जब एक अधिशासी अभियंता रिटायर हुए तो नवीन तैनाती से पूर्व उक्त डिवीजन का चार्ज किस्मत से फिर से उक्त अधिकारी को मिल गया और फिर डिवीजन के अन्य कुछ अधीनस्थों के साथ मिलकर लाखों का भुगतान तो कर ही दिया। साथ ही कई ऐसे कार्य कर दिए, जिसको शायद ही कोई अन्य अधिकारी करता । तुरन्त लाओ तुरन्त कराओ के फण्डे पर कार्य करने वाले उक्त अधिकारी की अब सत्ता पक्ष के ही जनप्रतिनिधियों ने उच्च स्तर पर लिखित शिकायत करने की बात भी कही है। विभागीय जानकार बताते हैं कि अगर उक्त अधिकारी की जांच हो गयी तो बड़ा राजस्व घोटाला सामने आ सकता है।

  • नियम क़ानून को ताक पर रखकर विभाग को लगा दिया राजस्व का चूना
  • दोनों डिविजनों के चार्ज पर रहे अधिकारी ने चन्द दिनों में कर दिये सन्दिग्ध भुगतान

बिजली विभाग से संबंधित अन्य पोस्ट भी देखें | Also see other posts related to Electricity Department :

उपभोगता जाग्रति और सरक्षण के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब जरुर करें |

Social Share:

Leave a Comment

Change Image

Exit mobile version