चंद्रभान यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में पाँच अधिशासी अभियंताओं को नियमों के विपरीत अधीक्षण अभियंता बना दिया गया। पोल खुलने पर बृहस्पतिवार को इनकी पदोन्नति निरस्त कर दी गई है। सूची तैयार करने वाले उप सचिव को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई जा रही है। इस पदोन्नति ने कार्पोरेशन की पूरी व्यवस्था पर सवाल उठा दिया है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने 24 को अधिशासी 40 अभियंताओं को अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति दी गई। सूची जारी हुई तो ऊर्जा निगमों में हलचल मच गई। उच्च प्रबंधन से शिकायत हुई कि पांच अधिशासी अभियंताओं को नियमों के विपरीत पदोन्नति दी गई है।
पोल खुली तो पदोन्नति निरस्त, उप सचिव निलंबित
मामले की जांच हुई तो शिकायत सही मिली। कार्पोरेशन में कार्यरत अधिशासी अभियंता अजय कुमार सिन्हा व प्रतीश प्रांजल, ट्रांसमिशन के नंद किशोर, केस्को के मदन लाल और पारेषण खंड इटावा के रजनीश कुमार की सेवा अवधि पदोन्नति के लिए अर्हकारी नहीं पाई गई। पदोन्नति के लिए सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता पद अधिशासी कार्यकाल 15 साल होना चाहिए। इसके बाद ही अधीक्षण अभियंता पद पर पदोन्नति हो सकती है।
इसी तरह इन अभियंताओं का विवरण भी लेखा शाखा द्वारा सत्यापन नहीं कराया गया। चयन समिति के सामने गलत विवरण रखा गया। ऐसे में इन पांचों की पदोन्नति निरस्त कर दी गई और उन्हें अधिशासी अभियंता के पद पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है। पदोन्नति सूची तैयार करने वाले अधीक्षण अभियंता (उप सचिव) प्रशांत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
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