वाराणसी, आजमगढ़ में तैनात कर्मचारी तनख्वाह से हैं वंचित
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता । पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ठेका कंपनियों का एक बड़ा कारनामा सामने आया है । 13 कंपनी के प्रबंधक बनारस एवं आजमगढ़ के लगभग दो सौ संविदा | कर्मचारियों के वेतन का लगभग 5.81 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए हैं। ये कंपनियां बिजली विभाग को संविदा | कर्मचारी उपलब्ध कराती रही हैं। खास बात यह कि उनमें ज्यादातर कंपनियों ने पुराना काम बंद कर नया काम शुरू कर दिया है।
पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ के अध्यक्ष राजेश सिंह की शिकायत पर पूर्वांचल डिस्कॉम के पूर्व निदेशक (कार्मिक) एसके बघेल ने जांच का आदेश दिया था। उन्होंने मुख्य अभियंता को कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई और उनसे वेतन राशि की वसूली का भी निर्देश दिया था। इस प्रकरण से पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल निगम के एमडी को भी अवगत कराया गया। मगर मामले को दबा दिया गया।
यह है मामलाः वाराणसी और आजमगढ़ में सविदा कर्मचारी उपलब्ध कराने के लिए 13 कंपनियों से करार हुआ था। कंपनिनयां कुछ माह तक कर्मचारियों को वेतन देती रहीं। 2011 से 2017 के बीच 200 कर्मचारियों का वेतन नहीं बांटा। उस समय बताया कि डिस्कॉम से पेमेंट नहीं हुआ। लगभग एक महीने बाद गायब हो गई।
- 02 सौ कर्मियों के पेट पर पड़ी है मार, 13 प्रबंधकों पर शक.
- 06 वर्षों की वेतन राशि की हुई है बंदरबांट.
- अब ज्यादातर कंपनियों ने शुरू कर दिया है अपना नया काम.
- पूर्व निदेशक का आदेश और चेयरमैन से की गई शिकायत बेअसर.
डिस्कॉम प्रबंधन को सौंपी सूची
शिकायत के साथ पूर्वाचल – डिस्कॉम को खंड वार कर्मियों की सूची सौंपी गई है। सूची के अनुसार लगभग तीन करोड़ रुपये बनारस में ही बकाये हैं। शेष धनराशि आजमगढ़ जिले की है।
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