संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़। ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता यूके सिंह की सेवानिवृत्ति 29 फरवरी को होनी थी। इससे पहले ही निलंबन से निगम में हड़कंप मच गया है। शिकायत भले एक फैक्टरी संचालक ने की हो, लेकिन उस दिन उक्त फीडर से जुड़ी दो अन्य फैक्टरी भी सप्लाई नहीं मिलने से दस घंटे तक बंद रही थीं। इस खंड के अधिकारियों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं, क्योंकि गढ़ डिवीजन में एक्सईएन और जेई भी ऐसे ही मामले में निलंबित हुए हैं।
गढ़ के एक्सईएन, एसडीओ और जेई भी बिजली कटौती की शिकायत पर हो चुके हैं निलंबित
दरअसल, अधीक्षण अभियंता की शिकायतें जन प्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने शासन में की थी। यही कारण है कि उनकी सेवानिवृत्ति से 23 दिन पहले ही उनका निलंबन किया गया है । एई यूके सिंह मंगलवार रात को ट्रेन से लखनऊ जा रहे थे, क्योंकि बुधवार को उन्हें निगम के चेयरमैन की बैठक में शामिल होना था। लेकिन ट्रेन में सफर के दौरान ही उन्हें निलंबन का आदेश मिला। हालांकि एसई ने बुधवार को खुद के बैठक में ही होने का दावा किया। एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों का गलत मंशा से किया स्थानांतरणः अधीक्षण अभियंता पर पिछले दिनों एक दर्जन से अधिक अवर अभियंता और अन्य कर्मचारियों का स्थानांतरण गलत मंशा से करने का आरोप लगा था। उनके कार्यालय से जारी आदेशों के साक्ष्य भी दिए गए, जिसमें पहले स्थानांतरण किया गया और अगले ही दिन उन्हें वापस उसी स्थान पर नियुक्ति दे दी गई।
बिजनेस प्लान के टेंडर में अनियमितता का लगा आरोप : बिजनेस प्लान के टेंडर में अनियमितता का आरोप लगा है। क्योंकि टेंडर निकलने के लंबे समय तक कागज तैयार नहीं हुए। कई ठेकेदार निगम के एक बड़े अधिकारी के यहां भी पहुंचे। उन्होंने कमिशन बढ़ाने का आरोप लगाया था।
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