लखनऊ, विशेष संवाददाता । बीते अप्रैल से शहर से लेकर गांवों तक 24 घंटे बिजली देने की व्यवस्था को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने समाप्त कर दिया है। अब ग्रामीण क्षेत्र में सिर्फ 18 घंटे बिजली दी जाएगी, जबकि नगर पंचायतों व तहसील मुख्यालयों पर 21.30 मिनट बिजली दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में छह घंटे तथा नगर पंचायतों व तहसील मुख्यालयों पर 2.30 घंटे बिजली काटे जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस नए आदेश के जारी होने के साथ ही इन क्षेत्रों को अब पूर्व की रोस्टर प्रणाली की तरह ही बिजली मिलेगी।
UPSLDC की साइट पर जुलाई में बिजली सप्लाई के समय के संबंध में जारी आदेश में ग्रामीण क्षेत्रों, नगर पंचायतों तथा तहसील क्षेत्रों में बिजली काटे जाने का जिक्र है। इस कटौती के साथ ही एक अप्रैल के पूर्व लागू बिजली सप्लाई की रोस्टर प्रणाली को फिर से बहाल कर दिया गया है। उस समय भी गांवों में 6 घंटे और तहसील व नगर पंचायतों मे 2.30 घंटे बिजली काटे जाने की व्यवस्था थी। अप्रैल से जब सभी क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली की सप्लाई होने लगी थी तो ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सरकार द्वारा 24 घंटे बिजली दिए जाने की व्यवस्था किए जाने का जिक्र किया था।
मंगलवार को गांवों, नगर पंचायतों तथा तहसील मुख्यालयों पर बिजली काटे जाने का आदेश जारी होने के साथ ही राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा है कि 24 घंटे बिजली देने के आदेश के बाद फिर से रोस्टर व्यवस्था क्यों लागू की गई। उपभोक्ता अधिकार नियम-2020 के तहत सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिलने का अधिकार है।
- गांवों में छह घंटे बिजली काटने का आदेश जारी |
- नगर पंचायतों, तहसीलों में ढाई घंटे कटेगी बिजली |
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