उपभोक्ताओं के बकाए के चलते बिजली दर कमी का रास्ता साफ

उपभोक्ताओं में खुशी की लहर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को मिल रही बधाई

लखनऊ (ग्रुप 5 सं.)। वर्ष 2024 -25 की वार्षिक राजस्व आवश्यकता व बिजली दरों में जहां सभी बिजली कंपनियों में आम जनता की सुनवाई के बाद राज्य सलाहकार समिति की बैठक जो विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में 5 अगस्त को संपन्न हुई थी। इस बैठक की कार्यवृत्ति जारी होते ही बिजली कंपनियों में हड़कंप मच गया। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब बिजली दरों में कोई भी बढ़ोतरी का रास्ता बंद हो गया है वही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे लगभग सरप्लस 33122 करोड़ के एवज में एक मुस्त 40 प्रतिशत अथवा अगले 5 वर्षों तक प्रत्येक वर्ष 8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। राज्य सलाहकार समिति की बैठक की कार्यवृत्ति में उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाए गए प्रस्ताव को पूरी तरह कार्यवृत्ति में शामिल कर लिया गया है।

कार्यवृत्ति जारी होते ही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के बीच खुशी की लहर है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को इस बात के लिए बधाई दे रहे हैं कि उनकी लडाई रंग लाई। गौरतलब की ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक कमेटी जो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 87 के तहत गठित है उसमें सभी मुद्दों को चर्चा में शामिल किया गया उसके बाद अब जो मंतव्य निकलकर सामने आ रहा है उससे प्रदेश में पांचवी साल में बिजली दरो में बढोतरी का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया अब देश का कोई भी कानून उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी की इजाजत नहीं देता। देर शाम विद्युत नियामक आयोग द्वारा राज्य सलाहकार समिति की बैठक की कार्यवृत्ति जारी होते ही बिजली कंपनियों के होश उड़ गए।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सरकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अब उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है। बिजली दरों में कमी के मामले पर विद्युत नियामक आयात को फैसला लेना है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को पूरी उम्मीद है विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ताओं के पक्ष में निश्चित ही फैसला सुनाएगी। उपभोक्ता परिषद की लड़ाई रंग लाई नोएडा पावर कंपनी में भी जो सर प्लस के एवज में 10 प्रतिशत की कमी वर्तमान में चल रही है। उसे आगे बढाई जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने साफ कह दिया था कि नोएडा पावर कंपनी आयोग द्वारा अनुमोदित एनुअल बिलिंग दर रुपया 7.69 प्रति यूनिट से घटाकर रुपया 7.18 यूनिट दिखाकर मनगढंत है जो पूरी तरह गलत है विद्युत ट्रांसफार्मर की दरों को भी ऊंची दरों पर खरीद रहा है इसकी जांच होनी चाहिए।

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