लखनऊ | विजली उपभोक्ताओं की नए कनेक्शन पर परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, उपभोक्ता अव पोल को लेकर परेशान हैं। उनका पोल का पैसा तो जमा करवा लिया गया है पर कई जगह अव भी पोल नहीं लगाए गए हैं। दरअसल, नियम है कि अगर कोई कनेक्शन लेने जाए तो उसके घर से अगर पिछले खंभे की दूरी 40 मीटर से ज्यादा है तो उसे कनेक्शन के साथ पोल का भी पैसा जमा करना होगा। उपकेंद्र इसके लिए एस्टिमेट तैयार करते हैं। दूरी के अनुसार खंभों की संख्या का आकलन किया जाता है और उपभोक्ता से इसके पैसे जमा करवाए जाते हैं। लेकिन यह हैरानी की बात है कि वीते दो साल में यूपी में ऐसे जितने भी कनेक्शन दिए गए, उनमें चार लाख पोल लगाए ही नहीं गए। ज्यादा दूरी के खंभो से तार खीचकर उपभोक्ताओं को कनेक्शन दे दिए गए। परेशान उपभोक्ता उपकेंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। ज्यादातर जेई और एसडीओ वदल गए हैं और पुराने एस्टिमेट भी नहीं मिल रहे हैं।
विजली विभाग के सूत्रों के मुताविक वीते दो साल में उपकेंद्रों के स्तर पर इस तरह का गोरखधंधा तेजी पकड़ रहा है। दअरसल, कनेक्शन के लिए पोल की जरूरत को ध्यान में रखकर बनाए गए एस्टिमेट की रकम सीधे उपभोक्ता से ही ले ली जाती है, लिहाजा इसका मुख्यालय के स्तर पर कोई रेकॉर्ड तैयार नहीं होता है। ऐसे में उसकी समीक्षा भी नहीं होती । एक वार उपभोक्ता को कनेक्शन मिल जाता है तो वे भी कुछ समय तक पोल की जरूरत को नजरअंदाज करते हैं। जानकारी के मुताविक, एक अप्रैल 2022 से लेकर 31 अक्टूबर 2024 के बीच विजली विभाग ने पूरे प्रदेश में 22,71,948 पोल लगाए। इसमें वे पोल भी शामिल हैं जो विद्युतीकरण के नाम पर लगाए गए और इसकी रकम बाद में टैरिफ तय करते समय आई लागत में जोड़ी जाएगी। जानकारों के मुताविक इसके बाद भी कम से कम चार लाख पोल का पैसा विजली उपकेंद्रों पर तो जमा करवा लिया गया, लेकिन उन्हें लगाया नहीं गया।
बिजली उपकेंद्रों के अधिकारी कर रहे खेल, एस्टिमेट बनाकर डकार रहे रकम
- 40 मीटर से ज्यादा दूरी के कनेक्शन के लिए नया पोल लगाने का है नियम
- 04 लाख पोल नहीं लगाए गए दो साल में रकम जमा करवाने के बावजूद
परिषद के पास भी इस तरह की शिकायतों की भरमार है। अधिकारियों से बात की जाती है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर समाधान नहीं निकलता, क्योंकि मामला उपकेंद्र तक ही सीमित रह जाता है। अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद |
विस्तारित क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हो रहा खेल
जानकारों के मुताविक रकम जमा करवाने के बाद भी पोल न लगाने का खेल ज्यादातर उन इलाकों में चल रहा है, जो वीते दो साल में ग्रामीण से शहरी इलाकों में तब्दील हुए हैं। बड़े पैमाने पर ग्रामीण इलाकों के शहरी इलाके में तब्दील होने के वाद अनियोजित कॉलोनियों की बसावट भी शुरू हुई और उपभोक्ताओं को विजली कनेक्शनों की डिमांड भी आ रही है ।
बिजली विभाग से संबंधित अन्य पोस्ट भी देखें :
- विद्युत उपभोगता शिकायत निवारण फोरम
- मीटर रीडर की शिकायत कैसे करें
- बिजली वाले कैसे आपको लूटते है जाने इस विडियो में
- शिकायत पत्र कैसे लिखें
- उपभोक्ता मुआवजा कानून
- बिजली कनेक्शन 1 है पर बिजली बिल 2 आ रहे है
- बिना मीटर के बिजली कनेक्शन
- बिजली विभाग का टोल फ्री 1912 किसी काम का नहीं
- बिजली कनेक्शन कैसे कटवाए
- RTI लगाना सीखिए मात्र 5 मिनट में
उपभोगता जाग्रति और सरक्षण के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब जरुर करें |