स्टाफ के नाम पर एसडीओ समेत पूरी फौज के बावजूद खामियां ही खामियां
जनवाणी संवाददाता, मेरठ | बद इंतजामी के चलते मलियाना बिजलीघर का फ्यूज उड़ा हुआ है। हालत चिराग तले अंधेरे सरीखी है। यहां एसडीओ ज्योति व अवर अभियंता शुभम चौधरी पर मलियाना से लेकर विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज व आसपास के इलाके की जिम्मेदारी है, लेकिन बिजलीघर की यदि बात की जाए तो चिराग तले अंधेरा है। संवाददाता बुधवार को दो बार पावर स्टेशन पर पहुंचा, यह बात अलग है। कि दोनों ही बार एसडीओ व अवर अभियंता वहां मौजदू नहीं थे। बताया गया है कि चीफ का दौरा है, संभवतः उनके साथ ही निकल गए। वहीं, दूसरी ओर यदि मलियाना बिजलीघर की यदि बात करें तो इसके आसपास रिहायशी घनी आबादी वाला रिहायशी इलाका है। साथ ही कैंपस में कुछ क्वार्टर बने हुए हैं। आसपास जो लोग रहते हैं उनके परिवारों के छोटे बच्चे बे रोकटोक भीतर आते जाते रहते हैं, जबकि यहां बड़े व भारी अधिक शक्ति वाले ट्रांसफार्मर रखे हैं, जिसके चलते जो सुरक्षा इंतजाम वहां होने चाहिए वो नजर नहीं आते हैं।
खंभे तारों की हालत खराब
इस एरिया में अनेक खंभे व तार ऐसे है, जो खराब हैं। बागपत रोड की यदि बात करें तो यहां पेट्रोल पंप के पास लगे बिजली के खंभे नीचे से गल चुके हैं, वो कभी गिर सकते हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी उनकी जानकारी में पूरी बात होने के बाद भी इनको लेकर गंभीरता नजर नहीं आ रही है। लोगों ने शिकायत की है कि सरकार की ओर से भले ही नॉन स्टॉप सप्लाई का दावा किया जाता हो, लेकिन सबसे ज्यादा ट्रिपिंग भी इसी एरिया में की जा रही है।
कैंपस में आवारा कुत्ते
मलियाना बिजली घर के यदि कैंपस की बात की जाए तो वहां कुत्तों का कब्जा है। स्ट्रीट डॉग ने पूरे कैंपस में कब्जा किया हुआ है । यदि कोई वहां बिजली न आने या ऐसा ही कुछ और होने की शिकायत करने के लिए कोई पहुंच भी जाए तो स्ट्रीट डॉग उस पर हमला कर देते हैं। बिजलीघर को आवार स्ट्रीट डॉग ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। शाम ढलने के बाद तो स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। आवारा कुत्ते लोगों पर हमला कर देते हैं। कैंपस में लाइन का समुचित इंतजाम नहीं।
कई सालों से जमे हैं जेई
बिजलीघर के स्टाफ ने बताया कि जो एसडीओ यानि उपखंड अधिकारी हैं वो करीब चार माह पहले ही इस बिजलीघर पर आयी हैं। इससे पहले वह मुख्यालय विक्टोरिया पार्क स्थिति चीफ के कार्यालय में थीं। वहीं, दूसरी ओर एसडीओ शुभम चौधरी तीन साल से यहां डटे हैं। जानकारी मिली है कि नियमानुसार कोई भी अवर अभियंता एक स्टेशन पर सालों से डटे हुए हैं, जबकि ग्रेड सी के अधिकारी मंडल में 10 साल रुक सकते हैं।
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