बिजली विभाग के अफसर चुनाव ड्यूटी में व्यस्त – समस्या का कैसे हो निदान

प्राची उजाला, गाजियाबाद | लोकसभा चुनाव में शायद पहली बार बिजली विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जबकि चुनाव ड्यूटी से बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को अलग रखा जाता रहा है। लेकिन इस बार पता नहीं किन कारणों से बिजली विभाग के टीजी -2 से लेकर अधिशासी अभियंता की भी लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। ऐसे में यदि कहीं कोई विद्युत फॉल्ट होता है तो उस समस्या का समाधान कैसे होगा इसका कोई विकल्प नहीं है। यह बात दीगर है कि चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करना हर किसी का अधिकार है। इसके लिए शासन प्रशासन मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंके है। अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है लेकिन जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक पार्टियों द्वारा जन सरोकार से जुड़ी समस्याओं को दरकिनार कर असल मुद्दों से हटकर एक दूसरे के कपड़े फाड़ने में जुटने के कारण मतदाता शांत बैठने में भलाई समझता है।

मतदान प्रतिशत कम होने का सबसे बड़ा कारण मतदाताओं की उपेक्षा है। अब इसमें सरकारी कर्मचारी क्या कर सकता है सरकारी कर्मचारियों को यहां तक की शिक्षकों और बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी चुनाव ड्यूटी में लगा दिया जाता है जबकि शिक्षक को चुनाव ड्यूटी से छात्रों की पद पर असर पड़ता है और बिजली विभाग के कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी से बिजली की समस्या से निपटना टेढ़ी खीर हो जाता है। भीषण गर्मी का सीजन है बिजली ट्रांसफार्मर में विद्युत फाल्ट की समस्या का होना लाजमी है। ऐसे में यदि कहीं कोई फाल्ट हो जाता है जिसको जवाबदेही उच्च अधिकारी की होती है समस्या का समाधान क्षेत्रीय जेई के हाथ में होता है लेकिन जब अधिकारी ही मौजूद नहीं होगा तो कर्मचारी क्या काम करेंगे यह हर कोई समझ सकता है और तो और सरकारी कर्मचारियों को दिहाड़ी मजदूर की तरह पर्ची बांटने पर लगा दिया जाता है। जबकि बीते जमाने में ऐसा नहीं होता था राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता समर्थक ही अपने- अपने मोहल्ले में घर-घर जाकर पर्ची बांटते थे।

आज भी राजनीतिक पार्टियों के बूम स्तर के कार्यकर्ता ही वोटर लिस्ट देखकर पर्चियां देते हैं। लेकिन कैसी विडम्बना है कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के नाम पर सरकारी कर्मचारियों को लगा दिया जाता है। बिजली विभाग के अधिकारी दबी जुबान से मुखर है उनका कहना है कि शायद पहली बार विभाग के अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। ऐसे में यदि कहीं कोई बिजली समस्या आती है तो उसके लिए उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

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