बिना मीटर के बिजली कनेक्शन | Electricity Connection without Meter

इस पोस्ट में बिना मीटर के बिजली कनेक्शन पर बात करने वाले | विद्युत् अधिनियम 2003 के अंतर्गत बिना मीटर के बिजली कनेक्शन स्तेमाल करना बिजली चोरी माना जाता है जिसके लिए बिजली विभाग आपके खिलाफ बिजली चोरी का प्रकरण बना सकता है | वेसे तो आज के समय में बिना मीटर के बिजली कनेक्शन नहीं मिल सकता पर पुरे भारत में उत्तर प्रदेश और बिहार ये दो ऐसे राज्य है जहाँ बिजली विभाग ने बहुत से ऐसे कनेक्शन किये है जिसमे बिजली मीटर ही नहीं लगाये जाते है और मज़बूरी में जब विद्युत् उपभोगता ऐसे कनेक्शन स्तेमाल करता है तो खुद बिजली विभाग ही इन उपभोगताओ के बिजली चोरी के प्रकरण बना दिए जाते है | अगर आप भी बिना मीटर के बिजली कनेक्शन स्तेमाल कर रहे है तो सावधान हो जाइये और इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े आपको बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले है जिससे भविष्य में आप इस तरह की समस्या से बाख सकेंगे |

बिजली विभाग करप्शन और ज्यादा राशी के बिलों पर पर हमारे YouTube चैनल पर अब तक हम लगभग बहुत सारे विडियो बना चुके है और इस टॉपिक पर इसी वेबसाइट पर बहुत सारे आर्टिकल भी लिख चुके है | इस आर्टिकल में स्पेशली जो बिना मीटर के कनेक्शन हैं, उनके ऊपर बात करने वाला है, वेसे इस तरह की समस्या सबसे ज्यादा आपको उत्तरप्रदेश और बिहार में सबसे ज्यादा देखने को मिलेगी क्युकी इन दो राज्यों में बिजली विभाग में भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा है और यहाँ के विद्युत् उपभोगता भी जग्रुर्क नहीं जिस वजह से यहाँ पर ऐसा होना आम बात है | इस तरह के मामले सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिलते है जहा ऐसा सालो से होता आ रहा है क्युकी ना कभी विद्युत् उपभोगता ने इसके लिए शिकायत की और ना ही बिजली विभाग इस पर ध्यान देता है |

इन दोनों प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र ऐसे है जहां पर 40% से 70% ऑन एवरेज तक ऐसे ही कनेक्शन देखने को मिलेंगे जिनमें कनेक्शन लगे हुए है, दो साल, तीन साल या पांच साल हो गए हैं या उससे भी ज्यादा सालो से वहां पर अभी तक मीटर ही नहीं लगाए हैं | जबकि ये बिजली विभाग की ही गलती है और वहां पर बिजली कनेक्शन जो है, वह विद्युत उपभोक्ता इस्तेमाल भी कर रहे हैं | उनके बिल भी आ रहे हैं, जबकि ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपका कनेक्शन लगे और उसमें मीटर ना लगे और बिना मीटर के बिजली बिल में यूनिट खपत भी आना संभव नहीं पर बिजली विभाग अपने हिसाब से बिल भेजता है और उपभोगता भी इसके लिए कभी कोई विरोध या शिकायत नहीं करते है |

बिना मीटर के बिजली कनेक्शन | Electricity Connection without Meter

इस तरह के आमलो में कहीं पर भी उपभोक्ता की कोई गलती नहीं है, क्योंकि कनेक्शन के लिए जब हम अप्लाई करते हैं, तो उसमें एक सर्वे होता है, जो कि बिजली विभाग के JE करते है उसके बाद में वहां पर लाइनमेंन मीटर को लगता है और फिर विद्युत् उपभोगता कनेक्शन को यूज कर सकते है ऐसा बिजली विभाग के नियमो के हिसाब से होना चाहिए पर असल में ऐसा होता नहीं है | उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग एकमात्र ऐसा विभाग है, जहां पर आपको बिना मीटर के भी बहुत सारे कनेक्शन देखने को मिल जाएंगे जो कि विभागीय गलती होती है | बिजली विभाग का मीटर रीडर या किसी लाइनमैन से कभी आपका झगडा हो जाये या बिजली विभाग किसी तरह का मसला हो जाए तो बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आपके खिलाफ बिजली चोरी का केस बना देते हैं जबकि उन को यही नहीं पता है कि कनेक्शन जब तक कि उस पर पूरी तरह से मीटर नहीं लग जाता है, तब तक वह कनेक्शन अवैध होता है या मान्य होता है |

ये जो गलती होती है यह विभाग की ही होती है, इसके लिए कंज्यूमर कहीं भी जिम्मेदार नहीं होता है | कंज्यूमर की सिर्फ इतनी गलती होती है, कि जब तक उनका कनेक्शन पूरी तरह से कम्प्लीट नहीं हो जाता है उन्हें इस कनेक्शन को स्तेमाल नहीं करना चाहिए और इसके लिए उन्हें अपने विद्युत् झोन पर लिखित में शिकायत देना चाहिए और उसकी पावती जरुर लेना चाहिए ताकि भविष्य में कभी भी बिजली विभाग आपके खिलाफ कोई प्रकरण ना बना सके | बिना मीटर के बिजली का इस्तेमाल करना बिजली चोरी माना जाता है, हालांकि ये विभागीय गलती होती है और बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बहुत अच्छे से जानते हैं | लेकिन उपभोक्ता यह नहीं जानते कि अगर आप बिना मीटर के बिजली कनेक्शन को यूज करते हैं, तो चाहे वह आपका कनेक्शन खुद का ही था और आपने उसके लिए आवेदन भी किया था,सारे दस्तावेज भी दिए थे, आवेदन शुल्क और सिक्योरिटी डिपोजिट भी दिया होता है तब भी बिजली विभाग आपके खिलाफ बिजली चोरी का प्रकरण बना देता है |

बिना मीटर के बिजली कनेक्शन स्तेमाल क्यूँ नहीं कर सकते है ?

विद्युत् अधिनियम के हिसाब से जितनी बिजली यूनिट की खपत हम करते है उसके हिसाब से हमें बिजली विभाग बिल भेजता है और अगर हम बिना मीटर के बिजली स्तेमाल करते पाए जाते है तो विद्युत् अधिनियम के हिसाब से इसे बिजली चोरी करने के बराबर माना जाता है | अगर आपने कोई नया बिजली कनेक्शन लिया है और बिजली विभाग ने लाइन डाल दी हो पर मीटर नहीं लगाया हो तो ऐसे कनेक्शन को मीटर लगने तक स्तेमाल नहीं करना है | अगर आपका बिजली कनेक्शन पुराना है जिसमे पिछले कई सालों से बिना मीटर के आप स्तेमाल कर रहे है तो ये भी गलत है और भविष्य में बिजली विभाग आपके खिलाफ बिजली चोरी का प्रकरण बना सकता है | इसके लिए आपको अपने विद्युत् झोन पर लिखित शिकायत करना चाहिए और अगर 15 दिनों में बिजली विभाग कोई सुनवाई नहीं करता है तो आप “विद्युत् उपभोगता शिकायत निवारण फोरम” में भी इसकी शिकायत कर सकते है |

बिना मीटर के बिजली कनेक्शन के लिए शिकायत कैसे करे ?

सबसे पहली बात अगर आपने कोई नया बिजली कनेक्शन लिया है और बिजली विभाग ने लाइन डाल दी हो पर मीटर नहीं लगाया हो तो ऐसे कनेक्शन को मीटर लगने तक स्तेमाल नहीं करना है या अगर आपका बिजली कनेक्शन पुराना है जिसमे पिछले कई सालों से बिना मीटर के आप स्तेमाल कर रहे है तो ये भी गलत है | इन दोनों समस्या के समाधान के लिए और भविष्य में बिजली विभाग आपके खिलाफ बिजली चोरी का प्रकरण ना बना सके उसके लिए आपको अपने विद्युत् झोन पर AE या JE को लिखित शिकायत करना होगी | इस शिकायत पत्र में आपको अपने विद्युत् झोन के अधिकारी को बताना है की आपके घर जो नया बिजली कनेक्शन लगाया गया है उसमे अभी तक मीटर नहीं लगा है जिस वजह से हम उस कनेक्शन को स्तेमाल नहीं कर रहे है या जो आपका पुराना बिजली कनेक्शन है जिसमे पिछले कई सालों से बिना मीटर के आप स्तेमाल कर रहे है उसमे मीटर नहीं लगा है जिस वजह से बिजली विभाग एवरेज यूनिट का बिल भेज रहा है |

इस शिकायत पत्र में सबसे जरुरी बात जो आपको लिखना है की मीटर लगाना बिजली विभाग का काम है जिसके लिए विद्युत् उपभोगता जिम्मेदार नहीं है इस लिए जल्द से जल्द मीटर लगाने की कृपा करे और बिजली विभाग मीटर लगाने में देरी करता है या नहीं लगता है तो इसके लिए बिजली विभाग खुद जिम्मेदार होगा और भविष्य में हमारे खिलाफ बिजली विभाग किसी तरह का प्रकरण बनाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ हम न्यायलय में मुकदमा दायर करेंगे | इस शिकायत पत्र की दो कॉपी आपको अपने साथ विद्युत् झोन ले कर जाना है, एक कॉपी वहां जमा होगी और दुसरे शिकायत पत्र पर आपको रिसीविंग (पावती) लेना है जिसमे बिजली विभाग अपने रजिस्टर में दर्ज किये शिकायत क्रमांक, तारीख और सील होना चाहिए | आप इस शिकायत पत्र को इंडिया स्पीड पोस्ट से रजिस्टर्ड कर के भी भेज सकते है और दूसरी कॉपी पर स्पीड पोस्ट की रसीद को चस्पा कर देना है जो इसकी रिसीविंग प्रूफ करेगा | शिकायत करने के दोनों तरीको मे से झोन में जा कर शिकायत जमा करना ज्यादा सही होगा |

इसके अलावा आप बिजली विभाग के टोल फ्री नम्बर 1912 पर भी शिकयत कर सकते है जिसका शिकायत क्रमांक आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर SMS में मिल जायेगा | वेसे बिजली विभाग के टोल फ्री नम्बर 1912 पर शिकयत करने से ज्यादा कोई मदद तो नहीं होती पर एक शिकायत क्रमांक मिल जाता है जो सबसे ज्यादा जरुरी होता है | बिजली विभाग के टोल फ्री नम्बर 1912 पर शिकयत करने पर विद्युत् उपभोगता को किस तरह से बेवकूफ बनाया जाता है उसकी बहुत सारी कॉल रिकॉर्डिंग पहले से हमारे YouTube चैनल पर मिल जाएगी | हम लिखित शिकायत करने पर इस लिए जोर दे रहे है क्यूंकि विद्युत् झोन पर मौखिक रूप से शिकायत करने का कोई प्रूफ नहीं होता और झोन पर आप शिकायत करने के लिए चाहे जितने चक्कर लगा ले पर आपके पास इस बात का कोई प्रूफ नहीं रहेगा की आपने शिकायत करने के लिए कितने चक्कर विद्युत् झोन पर लगाये |

मीटर ना लगा होने पर शिकायत पत्र का प्रारूप :

application_format_bina_meter_k_bijli_connectionनोट : इस शिकायत पत्र की 2 कॉपी आपको ले केर जाना है, एक आपके विद्युत झोन पर जमा होगी और दूसरी पर आपको पावती (रिसीविंग) लेना होगी तभी आपकी शिकायत मान्य होगी | अगर आप इस शिकायत पत्र की पावती (रिसीविंग) नहीं लेते है तो आपके पास शिकायत करने का कोई साक्ष्य नहीं होगा और ना ही आपकी शिकायत पर कोई कार्यवाही होगी इस बात का आपको ध्यान रखना है | इस शिकायत पत्र को आप रजिस्टर डाक या स्पीड पोस्ट से भी भेज सकते है और पावती (रिसीविंग) के लिए डाक रसीद को को आप दूसरी कॉपी पर चिपका सकते है |

बिना मीटर के बिजली कनेक्शन उत्तर प्रदेश और बिहार में ही सबसे ज्यादा क्यूँ है ?

हमारी BijliForum की टीम पिछले कई कई सालो से बिजली विभाग के भ्रष्टाचार और ज्यादा राशी के बिलों पर काम कर रहे है जिस वजह से हमें पुरे भारत के अलग-अलग राज्यों से विद्युत् उपभोगताओ की शिकायतें आती है पर उत्तर प्रदेश और बिहार से सबसे ज्यादा शिकायतें आती है और खासकर ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से ऐसे कनेक्शन हैं जिनको विभाग ने कभी मीटर ही प्रोवाइड नहीं किया जबकि उनका कनेक्शन चल रहा है | बिजली विभाग वाले खुद बहुत अच्छे से जानते हैं, बिना मीटर के बिजली को यूज करना बिजली चोरी की श्रेणी में आता है और वह जानबूझकर के इस तरह की हरकत करते हैं | इनके जितने भी आउटसोर्सिंग कंपनी के जो बन्दे काम करते हैं उनके थ्रू यह हर महीने उनसे पैसे लेते हैं | सारे पैसे जो कि नगद में लिए जाते है जिसकी कोई भी रसीद नहीं दी जाती है और कंज्यूमर को भी अपने अधिकार नहीं पता नहीं होते | वह कैश में उनके बंदों को पेमेंट देते हैं, और साल, दो साल, पांच साल के बाद आपको कहीं ना कहीं से हजारों रुपये के बकाया बिल जारी होते है वह भरने होते हैं | जिसके लिए बिजली विभाग अलग से कार्रवाई करता है | बिजली विभाग के खिलाफ तो इस तरह के बहुत से केसेस है और उत्तर प्रदेश-बिहार में ऐसा सबसे ज्यादा होता है |

इस आर्टिकल में हमने आपको इसकी पूरी प्रोसेस बताई है, कि कभी भी आप बिना मीटर वाले बिजली कनेक्शन का किस तरह से शिकायत करना है | अगर बिजली विभाग कोई ऐसे कनेक्शन का बिजली चोरी का केस बनाता है जिसमें खुद बिजली विभाग ने मीटर नहीं लगाया है, तो इस तरह के केस में अब उस जोन के अधिकारी और कर्मचारी के ऊपर किस तरह से कार्रवाई करेंगे | विद्युत उपभोक्ता कि जागृति के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है, और खासकर उत्तर प्रदेश जहां पर बिजली विभाग कंज्यूमर्स को लूटने में लगा हुआ है और सरकार भी इनके ऊपर कोई ध्यान नहीं दे रही है | इसलिए सबसे पहले विद्युत उपभोक्ता को जागरुक होना चाहिए कि हमारे क्या अधिकार है ताकि बिजली विभाग से आ रही परेशानियों से हम किस तरह से निजात पा सकें |

मीटर नहीं लगा पर बिजली बिल में मीटर नंबर है :
अगर बिजली विभाग उपभोक्ता के घर मीटर नहीं लगता है तो विभाग को उसे मुफ्त बिजली देनी पड़ती है

विद्युत नियामक आयोग के निर्देशानुसार जिन उपभोगताओ ने कनेक्शन की निर्धारित धनराशि जमा की है और तय समय में उनके परिसर में बिजली विभाग द्वारा मीटर नहीं लगाया जाता है तो ऐसे उपभोक्ताओं को मुफ्त में बिजली का लाभ मिलेगा | विद्युत उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं होती जिस वजह से इस तरह की समस्या के लिए उपभोगता को मुफ्त में बिजली का लाभ नहीं मिल पता | तय समय में बिजली विभाग द्वारा मीटर ना लगाये जाने पर “विद्युत उपभोगता शिकायत निवारण फोरम” में शिकायत कीजिये | अगर आपको नहीं पता के विद्युत उपभोगता शिकायत निवारण फोरम में शिकायत कैसे करते है तो उसके लिए यहाँ क्लिक करे |

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