बाबूगढ़ क्षेत्र का मामला, बिजली के खंभों पर लिखा है योजना का नाम
अमर उजाला, जतिन त्यागी – हापुड़। विद्युत सुधार की पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र सुधार योजना (आरडीएसएस) में आवंटित विद्युत खंभों से निजी कॉलोनियों में ऊर्जीकरण का खेल सामने आया है। बाबूगढ़ क्षेत्र में ऐसी कॉलोनियों में योजना लिखे बिजली के खंभे गड़े मिले हैं। मामले में अधीक्षण अभियंता ने संज्ञान लेकर एक्सईएन और संबंधित अधिकारी से जानकारी की है। विद्युत उपकेंद्र और ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि और एबीसी लाइन फैलाने के कार्य आरडीएसएस योजना में शामिल किए गए हैं। हापुड़ में 200 करोड़ से अधिक से इस योजना में कार्य किए जाने प्रस्तावित हैं जो कई चरणों में होने हैं। बाबूगढ़ क्षेत्र की कुछ कॉलोनियों में ऊर्जीकरण के लिए एलटी और एचटी खंभे लगाए गए हैं। मजे की बात यह है कि इन खंभों पर आरडीएसएस की मुहर लगी है। निगम के नियम को मानें तो इस योजना में किसी भी नई कॉलोनी या क्षेत्र का ऊर्जीकरण शामिल नहीं है। अधीक्षण अभियंता ने इस मामले का संज्ञान लेकर, एक्सईएन और जेई से जानकारी तलब की है |
15 फीसदी शुल्क जमा करके ऊर्जीकरण करा रहे कॉलोनाइजर
निजी तौर पर काटी जा रही कॉलोनियों के ऊर्जीकरण का कार्य कॉलोनाइजर खुद करा रहे हैं। जिस कॉलोनी में आरडीएसएस लिखे खंभे मिले हैं, जेई लेखराज के अनुसार उस कॉलोनी के एस्टीमेट का भी 15 फीसदी शुल्क कॉलोनाइजर ने जमा कराया। ऊर्जीकरण के लिए खंभे कहां से लाए गए, यह जांच का विषय है।
- एक्सईएन और जेई से जानकारी की गई है, आरडीएसएस योजना के खंभे कॉलोनी में कैसे लगाए गए इसकी जांच कराई जा रही है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। अवनीश कुमार, अधीक्षण अभियंता ।
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