एक तरफ मुख्यमंत्री जी का जीरो टॉलरेंस का उत्तर प्रदेश की जनता से वादा दूसरी तरफ ऊर्जा विभाग के दक्षिणांचल के अफसरों को भ्रष्टाचार करने वालो से है विशेष लगाव आकाश मिश्रा एक तरफ जहां लगातार उत्तर प्रदेश सरकार अपने अफसरों के मनमाने रवैए के आरोपों से घिरती जा रही है एक तरफ जहां पर जनप्रतिनिधियों की अफसरों द्वारा लगातार उपेक्षा की जा रही है वही दूसरी रफ प्रदेश के ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने वाले को ईनाम देने में लगे है।
ताजा मामला ऊर्जा विभाग के दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड का है जहा मात्र एक माह पूर्व ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप पर कासगंज जिले में अधीक्षण अभियन्ता के पद पर तैनात मनोज कुमार का आडियो वायरल हुवा था जिसमे उनके द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर धन की मांग करने के साथ साथ भौतिक सुख सुविधा के लिए एयरकंडीशनर मांगा गया था, हालांकि तत्कालीन एमडी दक्षिणांचल ने मामले का संज्ञान लेकर भ्रष्टाचारी अधीक्षण अभियंता को निलंबित कर दिया, परंतु फिर वही कहानी की पहले निलंबित करो और फिर मामला शांत होने पर बहाल कर दो, दक्षिणांचल विद्युत लिमिटेड के उच्च अधिकारियों के मिली भगत प्रबंधन की आंख में धूल झोंक कर अधीक्षण अभियंता को बहाल करा दिया। सूत्रों की माने तो मलाई दार जगह तैनाती का पूरा रोडमैप अधीक्षण अभियंता ने दक्षिणांचल के उच्च अधिकारियों की साठ गांठ कर दौड़ लगाकर बनवा लिया है। अब देखना यह है कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री यह कहते हैं की भ्रष्टाचार करने वाले निलंबित नही सेवा से बाहर कर घर भेजा जायेगा वही दूसरी तरफ ऊर्जा विभाग का मैनेजमेंट इनाम देने के कार्य में लगा है।
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