कार्यालय में ठेकेदार ने अधीक्षण अभियंता पर तानी पिस्टल

ऊर्जा निगम के हाईडिल कॉलोनी स्थित कार्यालय में भाई की फर्म का टेंडर लेने पहुंचा था ठेकेदार

संवाद न्यूज एजेंसी, बुलंदशहर। बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता (एसई) ने विभाग के एक ठेकेदार पर आरोप लगाया कि मनमाफिक टेंडर न देने पर ठेकेदार ने उन पर पिस्टल तान दी। वहीं ठेकेदार ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने टेंडर की धनराशि की 10 फीसदी रकम (दो लाख रुपये) एडवांस में मांगी और घर में एसी लगवाने के नाम पर 42 हजार रुपये ले लिए। ठेकेदार ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ ई एफआईआर दर्ज कराई है। एसई ने डीएम-एसएसपी के साथ पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। बिजली निगम के विद्युत वितरण मंडल तृतीय के अधीक्षण अभियंता एसके निर्मल ने पुलिस को पत्र लिखकर बताया कि 31 जुलाई को वह अपने कार्यालय में वरिष्ठ कार्यकारी सहायक मनोज कुमार व अन्य के साथ विभागीय कार्य कर रहे थे।

इसी दौरान ठेकेदार सुखवीर भाटी अपने भाई सतेंद्र भाटी के साथ मौके पर पहुंचे और कहा कि उनके द्वारा जो दस्तावेज अपलोड किए गए हैं, उन्हीं पर टेंडर जारी किया जाए । ऐसा करने से इन्कार करने पर आरोपी ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज की । विरोध पर सुखवीर भाटी ने अपनी पिस्टल निकाली और उनके सीने पर सटाते हुए गोली मारने की धमकी दी वरिष्ठ कार्यकारी सहायक मनोज कुमार और छेत्रपाल गुप्ता ने आरोपी ठेकेदार को- जैसे-तैसे समझाकर कार्यालय से बाहर निकाला। इस दौरान आरोपी जाते-जाते धमकी देकर गया कि यदि टेंडर उसकी फर्म को जारी नहीं किया गया तो अच्छा नहीं होगा। एसई ने ऊर्जा निगम की एमडी को भी शिकायत भेजी है।

  • ठेकेदार का आरोप- टेंडर पास करने के लिए 10 प्रतिशत मांग रहे थे अधीक्षण अभियंता.
  • अधीक्षण अभियंता की ओर से शिकायत मिली है। मामले में सीओ को जांच के निर्देश दिए हैं,जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी श्लोक कुमार, एसएसपी.

ठेकेदार ने रिश्वत मांगने में दर्ज कराई ई-एफआईआर

ऊर्जा निगम में कार्यरत ठेकेदार सुखवीर भाटी ने आरोप लगाया है कि 31 जुलाई को वह हाईडिल कॉलोनी में थे इसी दौरान अधीक्षण अभियंता उनसे मिले और अपने कार्यालय में ले गए। वहां उन्होंने टेंडर की 10 फीसदी धनराशि (दो लाख) एडवांस में मांगी। जब इसका विरोध किया तो उन्होंने टेंडर न की धमकी दी। ठेकेदार ने आरोप • लगाया कि उक्त अधिकारी घर में एसी लगवाने के नाम पर पहले भी 42 हजार रुपये ले चुका है, इनमें से सात हजार रुपये उनकी पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे, जबकि 35 हजार की धनराशि नकद दी गई थी। ठेकेदार का आरोप है कि उन्होंने पहले ही इसकी ई-एफआइआर करा दी थी, जिससे बचने के लिए अधिकारी ने झूठे आरोप ‘लगाकर शिकायत दी है।

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