बिजली की मांग घटी लेकिन कटौती जारी

लखनऊ। प्रदेश में बिजली की मांग 28 हजार मेगावाट से घटकर 26 हजार मेगावाट हो गई है। कागज में 19.03 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत अलग है। ग्रामीणों को लगातार कटौती का सामना करना पड़ रहा है। वे विभागीय अधिकारियों से लेकर ऊर्जा मंत्री तक से शिकायत कर रहे हैं ।

गांवों में 19.03 घंटे आपूर्ति का दावा, ग्रामीण बोले- 8 से 10 घंटे ही मिल रही बिजली

दो अगस्त को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 28 हजार मेगावाट थी, लेकिन मौसम बदलने के बाद यह गिरकर चार अगस्त को 26 हजार पर पहुंच गई। ऐसे में विभाग का दावा है | कि ग्रामीण इलाके को 18 घंटे के बजाय 19.03 घंटे आपूर्ति की जा रही है। नगर पंचायतों को 21.30 घंटे, जिला और मंडल मुख्यालयों को 24 घंटे आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। पर, ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें बमुश्किल आठ से 10 घंटे ही बिजली मिलती है। अधिकारी इसका कारण लोकल फॉल्ट को बता रहे हैं। उनके मुताबिक इसकी मूल वजह संसाधनों की क्षमता कम होना है। बिजली का उपयोग बढ़ते ही संसाधन जवाब देने लगते हैं। ऐसे में कटौती करनी पड़ती है। ब्यूरो

ऊर्जा मंत्री से एक्स पर की गईं शिकायतें :-

  • बरेली के गैनी गांव में रविवार सुबह आठ बजे से शाम तक बिजली गायब रही। उपकेंद्र पर शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। – रामकुमार सिंह |
  • अयोध्या के बाबा बाजार मवई में शनिवार रात 11 बजे से रविवार शाम चार बजे तक बिजली गायब रही। सब स्टेशन पर फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। – हरि नंदन सिंह |
  • हरदोई के बेनीगंज में शनिवार रात से रविवार शाम तक बिजली गायब रही। कटौती को लेकर कोई जवाब नहीं मिल रहा है। – हर्षित त्रिपाठी |
  • कानपुर के रौतरा रमईपुरा में 16 घंटे से बिजली गायब है। शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हुआ। बाबा ठाकुर |
  • देवरिया के टीकमपार गांव में रविवार को सुबह से शाम तक बिजली नहीं आई। शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हुआ। – अजय सिंह |
  • मिर्जापुर के चिल्ह पावर हाउस से जुड़े पुरजागिर इलाके में रविवार सुबह से शाम तक बिजली गायब रही। – प्रभात सिंह

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