JE-SDO की मिली भगत से चोरी की बिजली की रोशनी में राम कथा कराकर, पुण्य प्राप्त करने का प्रयास | इतनी शिकायत और जेई सुगामऊ के खलाफ़ जाँच बैठने बाद भी नहीं आ रहे अपनी अददातों से बाज़, करा रहे खुले आम बिजली चोरी |
संजीव श्रीवास्तव / आवाज प्लस, लखनऊ । प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चोरी की बिजली की रोशनी में भगवान राम की महिमा का वर्णन हेतु अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच द्वारा राम कथा अमृत महोत्सव का आयोजन मुंशी पुलिया डिवीजन क्षेत्र का सबसे वीआईपी क्षेत्र सुगमऊ पावर हाउस से लगभग 300 मीटर मात्र की दूरी पर मानस सिटी में कराई जा रहा । यह राम कथा बीते 27 जुलाई से चल रही है… जो आगामी 4 अगस्त 2024 तक चलेगी।
हैरानी का विषय यह है कि जिस स्थान पर यह राम कथा का आयोजन किया जा रहा है उसे स्थान से सुगमऊ पावर हाउस की दूरी मैप 300 मीटर के आसपास है, और इसी रास्ते से ही यही महोदय प्रतिदिन अपने पावर हाउस जाते हैं… मानस सिटी पुलिस चौकी से लेकर लगभग 1 किलोमीटर से अधिक की दूरी में रोड की किनारे बल्ब से सजाया गया है… राम कथा स्थल तक पहुंचने में कोई दिक्कत ना हो ।
जानकीपुरम जोन में कार्यरत एक उपखंड अधिकारी के माध्यम से राम कथा में चोरी से बिजली प्रयोग करने की जानकारी मिलने पर अधिशासी अभियंता – मुंशी पुलिया डिविजन एवं अधीक्षण अभियंता इंदिरा नगर सर्किल से मुंशी पुलिया डिवीजन क्षेत्र में एक माह के अवधि में शादी समारोह, बर्थडे पार्टी का आयोजन अथवा ऐसे अस्थाई कार्यक्रम के संयोजन संबंधी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए… से दो से तीन बार संपर्क करने पर 26 कनेक्शन होने की जानकारी दी, विस्तृत जानकारी मांगने पर समय के अभाव के कारण + वन टू वन+ लिस्ट बनवाने की बात कहते हुए किसी विशेष के बारे में पूछने की बात कही…. हमारे द्वारा जैसे ही सुगमऊ पावर हाउस क्षेत्र का नाम लिया गया… वैसे ही सुगमऊ पावर हाउस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अस्थाई संयोजन होने से इनकार कर दिया… हमारे द्वारा बार-बार रजिस्टर को चेक करने का निवेदन किया जा रहा था ताकि सही जानकारी मिल सके… लेकिन अधिशासी महोदय साफ साफ द्वारा मना करते हुए सभी जानकारी ऑनलाइन होने की बात कही… बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि कहीं आप सभासद रामकुमार एवं मानस द्वारा राम कथा हेतु एक अस्थाई कनेक्शन दिए जाने की सिफारिश की जा रही है |
लेकिन एस्टीमेट का पैसा ज्यादा होने के कारण वह जमा नहीं कर रहे हैं. इस जानकारी को प्राप्त होने के उपरांत लगभग डेढ़ घंटे के बाद उपरोक्त राम कथा स्थल पर पहुंची…. जहां किसी भी प्रकार का कोई कटिया संयोजन नहीं मिला….. लेकिन हमारी टीम इस बात से हैरान थी कि इतने बड़े स्तर पर राम कथा अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वह भी सिर्फ एक जनरेटर की बदौलत …. जबकि यह क्षेत्र एक भ्रष्ट जेई महोदय का है….. यह संभव नहीं है… राम कथा स्थल का चारों तरफ मुवायना करने के बाद जब हमारी टीम वापस लौट रही थी तो जनरेटर में डीजल भरने वाले व्यक्ति द्वारा लगातार हमारी टीम को घूरे जाने से यह कन्फर्म हो गया कि दाल में कुछ काला जरूर है |
अपने विश्वास को हकीकत में परिवर्तन करने के उद्देश्य उपरोक्त व्यक्ति से कुछ जानना चाहा… लेकिन वह व्यक्ति कुछ भी बता पानी में असमर्थ था क्योंकि वह व्यक्ति गूंगा था…. एक बार फिर निराशा हाथ लगी… निराशा टीम जब वापस लौट रही थी तो हमारी नजर करंट एंपियर की जांच करता वह एक व्यक्ति, जिसका नाम सानू है… पर पड़ी… उस से मौके पर मौजूद जनरेटर के बारे में और उसकी कैपेसिटी के बारे में जानना चाहा… तो उनके द्वारा बिजली विभाग की पोल की खोल देते हुए बताया कि अभी अभी बिजली विभाग से एसडीओ और जेई आए थे, और वीडियो बनाकर कटिया उतार कर रसीद कटवायो की बात बोलते हुए चले गए. यदि इसी प्रकार की गलती किसी गरीब लड़की की शादी समारोह में होती… तो अब तक बिजली विभाग लाखों रुपए का जुर्माना उसके ऊपर ठोक चुका होता… लेकिन यह मामला एक भाजपा सभासद और मानस से जुड़ा हुआ है.. सिर्फ रसीद कटवाने की बात कहते हुए वापस चली आती है |
उपरोक्त स्थिति में …
- क्या उपरोक्त बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर चेकिंग रिपोर्ट भारी ?
- क्या मौके पर बनाई गई वीडियो विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट किया ?
- क्या मौके पर ही अपने उच्च आला अधिकारियों जैसे अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता को इस प्रकार से 3 दिन से बिजली चोरी होने की सूचना दी ?
- सुगमऊ पावर हाउस जाने का एकमात्र रास्ता से होकर गुजरता है… तो क्या कभी उनकी नजर इस प्रकार की चोरी पर नहीं पड़ी ?
- सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि मुंशी पुलिया डिवीजन के अधिशासी अभियंता से जानकारी.
- प्राप्त होते ही 3 दिन से लगी कटिया कुछ पल में कैसे उत्तर गई ?
- अधीक्षण अभियंता से अंतिम बार बातचीत के क्रम में इस विषय में जानकारी प्राप्त करने के क्रम में बिजली चोरी होने की बात कही, तो उनके द्वारा इस विषय पर सच्चाई जानने की कोशिश क्यों नहीं… बिजली चोरी की जानकारी देने के बाद फोन उठाना क्यों बंद हो गया ?
- जब अधिशासी अभियंता को इस बात की जानकारी थी कि मानस में इस प्रकार का आयोजन हो रहा है और रसीद नहीं काटी है तो क्या उपरोक्त स्थल पर जाकर यह जानने का प्रयास नहीं किया कि यह आयोजन किस प्रकार से बिजली व्यवस्था चल रही है ?
- यह हर हालात में सम्भव है कि राम कथा अमृत महोत्सव प्रकरण सम्बन्धित समाचार प्रकाशन होने के उपरान्त उपरोक्त जेई एवं एसडीओ को बचाने के लिए डिविजन स्तर के कार्यालय में पूर्व की तरह बचाव का खेल खेलते हुए पुरानी तिथि में संयोजन सम्बन्धित अथवा कल के तिथि में चेकिंग रिपोर्ट भरने का खेल खेला जाये, ताकि हर बार की तरह JE एवं SDO का बचाव किया जा सके।
अभी हाल में ही महानगर डिवीजन अंतर्गत निराला नगर क्षेत्र में एक दिन के कार्यक्रम शादी समारोह में कटिया का प्रयोग पाए जाने पर संबंधित पावर हाउस के एसडीओ और जेई को निलंबित कर जांच कमेटी बनाकर जांच कराई गई थी…. तो क्या उपरोक्त प्रकरण में भी एसडीओ और जेई निलंबित करके जांच कमेटी बनाई जाएगी अथवा हर बार की तरह सिर्फ जांच कमेटी बनाकर और विभाग में राजस्व का नुकसान पहुंचाने की खुली छोड़ दी जाएगी और जांच कमेटी के सदस्यों की जेब गर्म करके मनचाही रिपोर्ट लगवाई जाएगी…… अभी एक प्रकरण में अधीक्षण अभियंता द्वारा एक कमेटी बनाई गई है अधिशासी अभियंता टेस्ट भी शामिल है… जिसके कारण जांच कमेटी की रिपोर्ट सुगमऊ जेई के पक्ष में आना शत प्रतिशत तय है |
जिसे आप आने वाले समय में खुद भी देख लेंगे। अभी तक की प्राप्त शिकायत को गंभीरता पूर्वक न लेने और सिर्फ जांच कमेटी का गठन कर जेई को और लूटने की आजादी देने के कारण अब अधीक्षण अभियंता इंद्र नगर भी संदेह के घेरे में है… ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त सभी भ्रष्टाचार उन्हीं के संरक्षण में हो रहा है…. यह हम आप नहीं लग रहे हैं बल्कि हालात आरोप लगा रहे हैं… खैर हमारा काम है सच को सामने लाना….. जो मैंने ला दिया आप कार्रवाई करना अथवा लीपा पोती करना यह सब अधिकारियों के हाथ में है…. पूरे घटनाक्रम की सीक्रेट कमरे में वीडियो हमारे पास सुरक्षित है जो आवश्यकता पड़ने पर माननीय न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा।
ईश्वर ही जानता है कि यह भक्तजनों की महिमा है अथवा ईश्वर की जो ईश्वर के लिये भी चोरी की आवश्यकता पड़ रही है। चोरी की बिजली से धर्म की स्थापना का प्रयास, पाप है या पुण्य, यह सिर्फ न्यास जी ही बता सकते हैं। परन्तु विद्युत नियामक आयोग द्वारा किसी भी धार्मिक आयोजन के लिये, कहीं भी कटिया संयोजन का उल्लेख नहीं किया है। कटिया अर्थात अवैध संयोजन जोकि मानकों का पालन नहीं करता । अर्थात विद्युत दुर्घटना की प्रबल सम्भावना । राम कथा अमृत महोत्सव का आयोजन होना अर्थात एक ही स्थान पर जन समुदाय का भीड़ के रूप में एकत्र होना । ऐसी स्थिति में कभी भी विद्युत दुर्घटना घटने की प्रबल सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। उधर से गुजरते प्रशासनिक एवं बिजली विभाग के अधिकारियों को, जिन्हें किसी गरीब के यहां जलता हुआ एक बल्ब अपने ही कार्यालय से दिखाई दे जाता है….. परन्तु चोरी की बिजली से कराये जा रहा भव्य धार्मिक का आयोजन का दिखलाई न देना आश्चर्यजनक है। ईश्वर न करे कि कोई दुर्घटना भी घटे, परन्तु यदि घट जाती है तो गाज किस पर गिरेगी ? इस प्रकार से हो रही बिजली चोरी मुख्य आरोपी आयोजक अथवा संरक्षण देने वाला बिजली विभाग के अधिकारीगण का निलंबन / मुकदमा किस पर कायम होगा और उसका भुगतान क्या आयोजक, प्रशासन या विद्युत अधिकारी भरेंगे ?
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