जबलपुर विद्युत विभाग उपभोगता फोरम में केस हारा, Rs.38,411 का घरेलु बिजली बिल
www.BijliForum.com की मदद से उपभोगता ने विद्युत शिकायत निवारण फोरम में प्रकरण दाखिल किया और दिनांक 27.03.2019 को जीत भी लिया
मीटर रीडर की गलती की सजा उपभोगता को भुगतना पड़ती है
पुरे भारत में विद्युत विभाग के हर एक राज्य के लगभग सभी झोन में आपको 40% – 60% मीटर रीडर द्वारा रीडिंग ठीक से न लेने की वजह से उपभोगता को सही बिल न आने की समस्या आना तो अब आम बात सी हो गई है | विद्युत विभाग द्वारा 10 से 7 घरो में इस तरह के बिजली बिल आते ही है, शायद ही ऐसा कोई घर बचा होगा जहा कभी भी एक दम से ऐसा बड़ी राशी का बिजली बिल ना आया हो | ऐसी समस्या रुकने का नाम ही नहीं ले रही, परन्तु हमारी वेबसाइट इस तरह के सभी बिजली बिल की गड़बड़ी को उजागर करती है ताकि आम जनता को पता चल सके की किस तरह विद्युत विभाग उपभोगता को लूट रही है |
MPEZ के अंतर्गत आने वाले जबलपुर के एक झोन में एक उपभोगता को Rs.38,411 का घरेलु बिजली बिल भेजा गया | जबलपुर के इस विद्युत उपभोगता को नवम्बर 2018 में 2826 यूनिट का लगभग Rs.14,992 के आस-पास घरेलु बिजली बिल भेजा गया और जनवरी 2019 में 4444 यूनिट का लगभग Rs.23,446 के आस-पास घरेलु बिजली बिल भेजा गया जिस वजह से जनवरी 2019 का पेनल्टी समेत कुल बिजली बिल Rs.38,411 हुआ | इससे पूर्व के किसी भी माह में सही रीडिंग नहीं लि गई और किसी भी माह विद्युत वुभाग द्वारा सही यूनिट की खपत नहीं दिख रही | अब सोचने वाली यह बात है की पूरी गलती विद्युत विभाग के मीटर रीडर की है पर अब उपभोगता को विद्युत विभाग में बहुत बार चक्कर लगाने क बाद भी जब बिल सही नहीं किया गया तो उपभोगता ने www.BijliForum.com से संपर्क किया और उसकी मदद से उपभोगता ने उपभोगता ने विद्युत शिकायत निवारण में प्रकरण दाखिल किया और दिनांक 27.03.2019 को जीत भी लिया |
उपभोगता फोरम में केस जितने का बाद उपभोगता को अब मात्र Rs.14,992 ही भरना है | उपभोगता फोरम में पुरे प्रकरण के जीत की प्रमाणित प्रति साथ में सलग्न है ताकि सभी उपभोगता को जागरूकता के लिए इस पोस्ट में साझा किया जा रहा है :-
इससे पुरे मामले से साफ़ पता चलता है के मीटर रीडर हर माह सही रीडिंग नहीं लेता या बिना किसी के घर या व्यवसाईक स्थान पर जाए बिना ही अपने हिसाब से हर माह रीडिंग की गड़ना कर रहे है | विद्युत विभाग द्वारा जब से प्राइवेट या आउटसोर्स कम्पनी को मीटर की रीडिंग के लिए ठेके दिए जाने लगे तब से ऐसी समस्या बढती ही जा रही है | यहाँ महीनो से ठीक तरह से रीडिंग नहीं ली जा रही है और ये MPEZ जबलपुर का पहला मामला नहीं है | हमारी वेबसाइट पर इस जोन के गड़बड़ी वाले और बहुत से बिल अपलोड हुए है | इस झोन के AE B.K Dwevedi और JE Ajeet Chauhan इनके झोन के मीटर रीडर्स के द्वारा हो रही गड़बड़ियो पर लगाम लगाने में भी असमर्थ है और उपभोगता के शिकायत करने पर उन्हें भी अनदेखा करते है|
जेसा की आप जानते है हमारी इस वेबसाइट पर उन्ही बिल्स को पब्लिकली शेयर करते है जो उपभोगता स्यमं हमे बिल्स भेजते है पर ऐसे हजारो बिल्स है जो हमारे पास नहीं आते और किसी को इस तरह की गड़बड़ी के बारे में पता नहीं चलता और जिसमे मीटर रीडर महीनो तक रीडिंग नहीं ले रहा है और एवरेज रीडिंग के बिल भेज रहे है | इस बिल में भी मीटर रीडर महीनो से सही रीडिंग नहीं ले रहा है और अनुमानित रीडिंग लेने की वजह से जब कभी सही रीडिंग ली जाती है तो रीडिंग में ज्यादा अन्तेर आने की वजह से ज्यादा राशी के बिल आजाते है और उस वजह से उपभोगता परेशान होते है |
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