वाराणसी। हड़ताल के दौरान करीब 16 माह से निलंबित चल रहे सहायक अभियंता मनीष मिश्रा ने जहर खा लिया। उनकी हालत गंभीर बतायी जाती है। ककरमत्ता स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, जहां वे जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। यह जानकारी मिलते ही विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारी और सदस्य अस्पताल पहुंचे और परिजनों का ढांढस बंधाया। तापीय परियोजना ओबरा में तैनात सहायक अभियंता मनीष मिश्रा विगत 16 माह से निलंबित चल रहे हैं। इस दौरान वे काफी तनावग्रस्त हो गए और तनाव के चलते ही उन्होंने जहर खा लिया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक शैलेंद्र दुबे, विद्युत मजदूर पंचायत उप के प्रदेश कार्यवाहक महामंत्री डॉ. आरबी सिंह, भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी एपी शुक्ला, जूनियर इंजीनियर संघ के नीरज बिंद, विद्युत कर्मचारी नेता अंकुर पांडेय आदि के अगुवाई में सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी अस्पताल पहुंचे। इन लोगों का कहना है कि ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद भी सहायक अभियंता मनीष मिश्रा को बहाल नहीं किया गया। ऐसे में तनावग्रस्त मनीष ने जहर खा लिया और वे जीवन- मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। इन लोगों ने मनीष के परिजनों को सांत्वना दिया और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान मनीष मिश्र की पत्नी ने यह पूछा कि क्या इसके बाद भी पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष इनसे मिलने आयेंगे। उनकी पत्नी ने ये भी कहा कि यदि इनको कुछ हुआ तो मैं भी जहर खा लुंगी ।
- ककरमत्ता स्थित एक निजी अस्पताल में जूझ रहे जीवन व मौत से |
- मौके पर पहुंचे संघर्ष समिति के पदाधिकारी, परिजनों को बंधाया ढांढस |
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