सलीम अहमद, मेरठ। मेडिकल उपकेंद्र के गढ़ रोड फीडर से जुड़े करीब 500 से अधिक उपभोक्ता पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रबंधन की अनदेखी की शिकार हो रहे है। उपकेंद्र शहरी क्षेत्र में है और फीडर ग्रामीण है। फीडर पर ग्रामीण शेड्यूल के मुताबिक बिजली की आपूर्ति की जाती है, लेकिन उपभोक्ताओं से बिजली बिल की वसूली शहरी दर से की जाती है। ऐसे में उपभोक्ता परेशान हैं। पीवीवीएनएल अफसर इस मामले में कोई फैसला नहीं ले रहे। सिर्फ उपकेंद्र शहरी क्षेत्र में होने का खामियाजा फीडर पर जुड़े उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
दो साल पहले पीवीवीएनएल अफसरों ने ऐसे इलाकों को चिह्नित करके एक प्रस्ताव शासन को भेजा था, जो इलाके नगरीय सीमा विस्तार के बाद स्थानीय निकायों का हिस्सा बन गए थे और बिजली उन्हें ग्रामीण हिसाब से मिल रही था। इन इलाकों में सरकार के खर्च पर फीडर बनाकर और अन्य व्यवस्थाएं करके बिजली भी शहरी हिसाब से देने की तैयारी की थी। इस पर अब अमल होने जा रहा है। अभी भी मेडिकल उपकेंद्र के गढ़ रोड फीडर की बात करें तो यह फीडर बिजली अफसरों की नजर से विभिन्न स्तरों पर अपनी आवाज उठा छूटा हुआ है। उपभोक्ता लगातार रहे है, लेकिन इसे लेकर बिजली अफसर कोई रास्ता नहीं निकाल पा रहे। गढ़ रोड फीडर ग्रामीण फीडर है। शहरी फीडर पर बिजली आपूर्ति 24 घंटे और ग्रामीण फीडर पर 18 घंटे बिजली आपूर्ति का आदेश है। ग्रामीण इलाके में 18 घंटे बिजली आपूर्ति में भी किसी-किसी फीडर पर तो छह-सात घंटे तक बिजली गुल हो जाती है। दस ग्यारह घंटे भी मुश्किल से बिजली मिल पाती है।
गांव–शहरी क्षेत्र के पचड़े में उलझे बिजली अफसर
मेरठ विकास प्राधिकरण से स्वीकृत कई बिल्डरों की आवासीय योजनाएं भी गढ़ रोड पर हैं, जो इसी फीडर से जुड़ी हैं। उपभोक्ताओं को शहरी ट्रैफिक के मुताबिक ही बिजली कनेक्शन दिए हैं। उनके बिल भी शहरी दर से वसूला जाता है। कोई नया बिजली कनेक्शन लेता है तो उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्र के हिसाब से ही कनेक्शन दिया जाता है और बिल वसूला जाता है, लेकिन बिजली आपूर्ति गांव के हिसाब से मिलती है। बिजली अफसरों की माने तो क्षेत्र गांव पंचायत के तहत आता है।
मेडिकल उपकेंद्र के गढ़ रोड फीडर का मामला संज्ञान में आया है। यहां उपभोक्ताओं को ग्रामीण फीडर होने के कारण उसके अनुसार बिजली आपूर्ति की जाती है, लेकिन उपभोक्ताओं से बिजली बिल शहरी दर से लिए जाने की बात सामने आई है। इसका परीक्षण करा रहे हैं। शहरी दर से बिजली बिल लिए जा रहे हैं तो उपभोक्ताओं को बिजली भी शहरी हिसाब से देनी होगी। यदुनाथ राम, मुख्य अभियंता मेरठ जोन द्वितीय |
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