जनवाणी संवाददाता, मेरठ | रिकवरी में ढिलाई बरतने पर एमडी पीवीवीएनएल ईशा दुहन ने चार अधिशासी अभियन्ताओं को निलम्बित कर दिया है। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है उनमें मनोज अग्रवाल, अधिशासी अभियन्ता विद्युत नगरीय वितरण खंड -पंचम मेरठ द्वारा कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वाहन में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने पर प्रथम दृश्टया दोषी पाये जाने पर, तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। महेश चन्द्र विश्वकर्मा, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खंड-द्वितीय मवाना को अपने कार्य में रुचि न लेने व राजस्व वसूली में सार्थक प्रयास न करने व उपभोक्ताओं के साथ प्रायः अभद्र व्यवहार करने तथा थू रेट में अपेक्षित प्रगति प्राप्त न करने एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में दोषी पाये जाने पर, निलम्बन की कार्रवाई की गयी है। ।
कृष्णपाल अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड-द्वितीय बड़ौत द्वारा उपभोक्ताओं से दुर्व्यवहार, पब्लिक की समस्याओं का समय से निस्तारण न करने के लिए अपने कार्य में रुचि न लेने व असंवेदनशील होने, राजस्व वसूली में सार्थक प्रयास न करने खंड के अन्तर्गत ट्रिपिंग-फी गुणवत्तापूर्वक विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से प्रदान न किये जाने व दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने निलम्बन की कार्रवाई की गयी है। सुशील पांडेय अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खंड -चंदौसी को नये संयोजन प्रदान करने मे लापरवाही बरतने एवं ट्रिपिंग फ्री विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से प्रदान न किये जाने व दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर निलम्बित किया गया है। प्रबन्ध निदेशक ने निर्देश दिये हैं कि बिजली आपूर्ति मे किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नही की जायेगी। राजस्व वसूली में लापरवाही, अपने कर्तव्य एंव दायित्यों के निर्वाहन की शिथिलता बरतने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी ।
रिश्वत मांगने के ऑडियो के बाद भी कार्रवाई नहीं
जनवाणी संवाददाता, मेरठ | रिश्वत मांगने का ऑडियो सामने आने के बाद अधीक्षण अभियंता स्तर के बड़े अफसर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने वाले पीवीवीएनएल के उच्च पदस्थ अधिकारी एक उपभोक्ता से रिश्वत मांगने का ऑडियो सौंपे जाने के बाद भी कार्रवाई को तैयार नहीं। मामला विद्युत नगरीय परीक्षणशाला प्रथम घंटाघर से संबंधित है। पूरे घटनाक्रम से पीवीवीएनएल एमडी से लेकर दूसरे अफसरों को अवगत कराया जा चुका है । इति भ्रष्टाचार के पं. नरेश शर्मा ने बताया कि घटना को लेकर तमाम साक्ष्य भी पावर अफसरों को सौंपे जान चुके हैं। इस बात को दो माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक आरोपियों पर कार्रवाई तक नहीं की गयी। इस पूरे मामले को एमडी पावर तक पहुंचाने वाले पं. नेरश शर्मा व सचिन गुप्ता ने बताया कि यह मामला शहर सराफा बाजार स्थित ओम कांप्लेक्स के कारोबारी तरुण गोयल से जुड़ा है।
जिस कनेक्शन की सरकारी फीस करीब नौ सौ कुछ रुपये बैठती है उसके उपभोक्ता से 3500 मांगे गए। सौदा 1500 में तय हुआ । इस मामले में बयान दर्ज कराए जा चुके हैं, लेकिन आरोप है कि बेगमपुल स्थित टेस्ट एक्सईएन आरोपी को बचाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में टेस्ट एक्सईएन की भी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने एमडी से मांग की है कि बयान दर्ज किए जाने के बाद जो रिपोर्ट आयी है वो भी उन्हें व पीड़ित उपभोक्ता को मुहैय्या करायी जाए। साथ ही उन्होंने रिश्वत मांगने के आरोपी जेएमटी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की है। इस मामले को लेकर शिकायत करने वाले एमडी पावर से भी मिल चुके हैं।
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