RTI में जानकारी न देने पर 4 बिजली अभियंताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

राज्य ब्यूरो, लखनऊ | RTI के तहत सूचना न उपलब्ध करवाने के मामले में पहली बार राज्य सूचना आयोग ने चार बिजली अभियंताओं की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए हैं। राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने वाराणसी के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि बिजली विभाग कज्जाकपुरा में तैनात अधीक्षण अभियंता अनिल वर्मा, अधिशासी अभियंता आरके गौतम, उपखंड अधिकारी सर्वेश यादव व रवि आनंद को गिरफ्तार करके 20 फरवरी को आयोग में पेश किया जाए। आयोग सूचना का ने यह आदेश वाराणसी अधिकार के उपभोक्ता उमा शंकर यादव की अपील पर सुनवाई के दौरान दिया। उमा शंकर ने आयोग में अपील कहा कि बिजली विभाग उन्हे 2,24,741 रुपये बकाए का बिल भेजा गया था। उन्होंने जब आरटीआइ के जरिये बिजली के कनेक्शन संख्या 184352100 के संबंध में ब्यौरा मांगा तो विभाग ने कोई सूचना नहीं दी। बल्कि उनके विरुद्ध आरसी (वसूली प्रमाणपत्र) जारी कर दिया गया। इस पर उन्होंने आयोग की शरण ली।

बिल पर बिजली के कनेक्शन की तिथि पहली जनवरी, 1911 अंकित हैं, जबकि उस समय वाराणसी में बिजली के कनेक्शन उपलब्ध ही नहीं थे। आयोग ने बिजली विभाग से जवाब मांगा कि क्या वर्ष 1911 में वाराणसी में बिजली के कनेक्शन दिए जा रहे थे ? उस वक्त बिजली की दर क्या थी और उसकी गणना कैसे की जाती थी? किस संस्था ने बिजली कनेक्शन दिया था? इस सवालों का विभाग संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया और संबंधित अधिकारी सुनवाई की तिथियों पर हाजिर भी नहीं हुए। नतीजतन चारों अधिकारियों को आयोग में अगली सुनवाई पर पेश करने के लिए वारंट जारी किया गया है। उप्रेती इससे पहले गाजीपुर के एक मामले में जन सूचना अधिकारी को सरकारी स्कूल के 250 विद्यार्थियों को भोजन करवाने का दंड देकर चर्चा में आए थे।

  • राज्य सूचना आयोग ने पहली बार लिया इतना कड़ा निर्णय
  • वर्ष 1911 से दिखाया कनेक्शन भेजा 2.24 लाख का बिल

rti me jaankari nahi dene par 4 bijli abhiyanta k khilaf giraftari warrant

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