RDF बिजली बिल अब मीटर रीडर ही सही करेगा

अब नहीं काटने पड़ेंगे अभियंताओं के चक्कर, व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू

नरेश शर्मा, लखनऊ। बिजली उपभोक्ताओं को आरडीएफ ( रीडिंग डिफेक्टिव फंक्शन) बिल मीटर रीडिंग के मुताबिक संशोधित कराने के लिए वितरण खंड के एक्सईएन से लेकर उपकेंद्र के जेई के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब वही मीटर रीडर बिल सही करेगा, जिसने मीटर को आरडीएफ दर्शाकर बिल बनाया होगा।

मीटर रीडर यह का उपभोक्ता के घर पर करेगा। एक माह का जो आरडीएफ बिल लगभग 800 रुपये का बना होगा, वह सिस्टम से अपने आप खत्म होकर रीडिंग के हिसाब से रकम का बन जाएगा। यूपी पावर कॉर्पोरेशन ने इसके लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है।

इस बदलाव से ही मीटर रीडर को आरडीएफ बिल को सही करने की सहूलियत मिली है। इस संबंध में पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बिलिंग सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव का सर्कुलर जारी कर यह सुविधा तत्काल प्रभाव से प्रदेश भर में लागू कर दी गई है।

क्या है आरडीएफ और क्यों होता है

बिजली बिल को आरडीएफ करने के पीछे उगाही का खेल था। आरडीएफ बिल को सही करने के दौरान 80 फीसदी उपभोक्ताओं से सुविधा शुल्क लिया जाता था। इसके लिए रीडर उपभोक्ता की सही रीडिंग पढ़ने के बाद भी जितनी यूनिट मीटर में होती थी, उससे कम सिस्टम पर फीड कर देता, जिससे आरडीएफ बिल बन जाता था। इसी तरह कुछ मीटर रीडर उपभोक्ता के घर रीडिंग लेने ही नहीं जाते। ये बिलिंग कंपनी के ऑफिस में ही मनमानी रीडिंग फीड कर बिल बना देते हैं।

इस तरह संशोधित होगा बिल

उपभोक्ता के मीटर में 100 यूनिट रीडिंग है, लेकिन मीटर रीडर ने उपभोक्ता की चौखट पर गए बिना ही या रीडिंग पढ़ने के बाद भी सिस्टम में 50 यूनिट फीड कर बिल बना दिया। सॉफ्टवेयर जैसे ही 50 यूनिट का बिल बनाएगा तो आरडीएफ हो जाएगा। वजह यह कि 50 यूनिट रीडिंग पहले ही सिस्टम में फीड हो चुकी है, जिसे दोबारा स्वीकार नहीं करेगा। फिर उपभोक्ता को बिल संशोधित कराने के लिए कार्यालय में भटकना पड़ता था। अब नई व्यवस्था में जिस रीडर ने फरवरी में मीटर की 100 यूनिट की जगह 50 यूनिट फीड कर आरडीएफ बिल बनाया था, वही मार्च में मीटर की सही रीडिंग फीड करेगा तो ऑटोमेटिक बिल संशोधित होकर बन जाएगा। जितनी यूनिट के बिल की देनदारी होगी उतना बिल बनेगा।

rdf bijli bill ab meter reader hi sahi karega

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