बत्ती गुल की सच्चाई – घटिया कंडक्टर

एरियल पांच कंडक्टर उपभोक्ताओं के लिए अभिशाप

रीडर्स मैसेंजर नेटवर्क, लखनऊ। प्रदेश में कागजों में बिजली फुल लेकिन अनेको जनपदों में कई कई घंटे उपभोक्ता की बिजली गुल जब इसकी पड़ताल की तो सामने आया मई के महीने में पावर कारपोरेशन ने उपभोक्ताओं को बिजली देने के अपने ही रिकॉर्ड को अनेकों बार तोडा और कुल 29261 मेगावाट बिजली आपूर्ति का नया रिकॉर्ड बनाया। आकड़ो में बिजली की उपलब्धता भरपूर होने के बावजूद भी धरातल पर उपभोक्ता पसीने बहा रहे है पूरे उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं के पसीने बहाने का जो मुख्य कारण है वह 50 से 70 एरियल बंच कंडक्टर के घटिया क्वालिटी के कारण उनके जलने और गलने की वजह से हुए ।

व्यवधान मुख्य रूप से सामने आए खास तौर पर बिजली चोरी को रोकने और विद्युत दुर्घटना पर अंकुश लगाने के लिए एरियल बंच कंडक्टर का उपयोग बिजली कंपनियों ने करना शुरू किया। आज बिजली चोरी भी अपेक्षित रूप से नहीं रुकी विद्युत दुर्घटना में भी बढोतरी हुई। विद्युत उपभोक्ताओं के ब्रेकडाउन के रूप में व्यवधान एक अभिशाप साबित हो रहा है। अब केवल पावर कारपोरेशन के जी का जंजाल बन गया। पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले दो वर्षों में लगे 1 अप्रैल 2022 से 30 अप्रैल 2024 तक 89596 किलोमीटर एरियल बंच कंडक्टर लगाये गए। शायद यदि इसकी उच्च गुणवत्ता को देखा गया होता तो आज यह उपभोक्ताओं के लिए हितकर साबित होता । ज्यादातर एरियल बंच कंडक्टर घटिया क्वालिटी की वजह से जल रहे है। बीस से 25 प्रतिशत अब केवल ओवरलोड के चलते जल रहे है।

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