बिजली की नई दरें तय करने की कवायद शुरू

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में बिजली की नई दरें तय करने की कवायद शुरू हो गई है। विद्युत नियामक आयोग एक- दो दिन में पावर कॉर्पोरेशन की ओर से 30 नवंबर 2023 को दाखिल 1,01,784 करोड़ के वार्षिक आवर्ती राजस्व (एआरआर) पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करेगा। वहीं, सोमवार को उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक जनहित प्रस्ताव सौंपा, जिसमें मांग की गई है कि उपभोक्ताओं के बकाया चल रहे 33,122 करोड़ के एवज में अगले पांच वर्षों तक 8% की दर से बिजली दरें कम की जाएं।

प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों की ओर से पावर कॉर्पोरेशन द्वारा दाखिल एआरआर के आधार पर वर्ष 2024-25 की बिजली दरें तय होंगी। दो दिन पहले विद्युत नियामक आयोग और पावर कॉर्पोरेशन के बीच में तकनीकी मूल्यांकन सत्र की बैठक हो चुकी है। दर तय करने से पहले आयोग को सभी पक्षों की सुनवाई करनी होती है। इसकी प्रक्रिया इसी सप्ताह शुरू होनी है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। उन्होंने एक जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी होना चाहिए, क्योंकि लंबे समय से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का विद्युत निगमों पर लगभग 33,122 करोड़ रुपये का बकाया (सरप्लस) चल रहा है। इसका हिसाब नहीं हुआ है। उन्होंने दो सुझाव भी दिए। बकाये के एवज में विद्युत नियामक आयोग लगभग 40 प्रतिशत बिजली दरें कम करे अथवा अगले पांच साल तक लगातार आठ प्रतिशत हर वर्ष दरों में कमी करे।

जब बिजली नहीं तो बढ़ोतरी क्यों

विद्युत नियामक आयोग को दिए गए जनहित प्रस्ताव में उपभोक्ता परिषद ने सवाल किया है कि जब बिजली नहीं दी जा रही है तो फिर बढ़ोतरी क्यों? विद्युत निगमों का सिस्टम ओवरलोड है। मार्च 2024 के आंकड़ों पर ध्यान दें तो प्रदेश कुल 473 की संख्या में 132 केवी सब स्टेशन हैं। इनकी क्षमता 65213 एमवीए यानी करीब 5.86 करोड़ किलोवाट है। प्रदेश के करीब 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं का स्वीकृत भार करीब 7.38 करोड़ किलोवाट है। जब उपभोक्ताओं के भार के बराबर निगमों का सिस्टम ही नहीं है तो फिर किसी भी दशा में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए।

फिक्स चार्ज भी बंद हो

उपभोक्ता परिषद ने यह भी कहा है कि जब नियमित बिजली नहीं है तो फिर फिक्स चार्ज का प्रावधान खत्म किया जाए। उन्होंने बताया कि विद्युत निगमों ने करीब 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं से मार्च 2024 तक 20761 करोड़ का फिक्स चार्ज वसूला है। इसमें केवल घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं से 4855 करोड़ का राजस्व फिक्स चार्ज से वसूला गया है। ऐसे में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर लगने वाल फिक्स चार्ज तब तक समाप्त किया जाए जब तक प्रदेश का विद्युत सिस्टम नियमित 24 घंटे बिजली आपूर्ति लायक न हो जाए।

  • नियामक आयोग इसी सप्ताह कर सकता है बिजली दर पर सुनवाई.
  • पावर कॉर्पोरेशन ने दाखिल किया 1,01,784 करोड़ का एआरआर.

आयोग से सांविधानिक निर्णय की उम्मीद

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग से सांविधानिक निर्णय की अपेक्षा है। विद्युत उपभोक्ताओं की राशि का हिसाब होने के बाद ही बिजली दरों पर बात होनी चाहिए, क्योंकि प्रदेश के विद्युत वितरण निगम दर बढ़ाने की फिराक में है, लेकिन उपभोक्ताओं पर किसी तरह का भार नहीं पड़ने दिया जाएगा।

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