सौरभ मौर्य, लखनऊ। स्मार्ट प्री-पेड मीटर की जीटीपी अनुमोदित करने के मामले में मध्यांचल निगम में हंगामा मचा है। चाइनीज कम्पोनेंट से भरे स्मार्ट प्री- पेड मीटर की जीटीपी अनुमोदित करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले डायरेक्टर को छोड़ अध्यक्ष द्वारा निदेशक तकनीकी को फटकार लगाई जा रही है। निदेशक तकनीक ने बीते कई दिनों से उस काम की डांट खा रहे हैं जो उन्होंने किया ही नहीं । नतीजा उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि त्यागपद का कारण उन्होंने निजी एवं स्वास्थ्य को बताया है। अभी इस्तीफे की फाइल प्रबंध निदेशक मध्यांचल के पास है और एमडी चेयरमैन पीसीएल के रुख का इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश में स्मार्ट प्री-पेड का मुद्दा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में शामिल रहे कई अभियंताओं को पहले भी डांट लग चुकी है। करीब 8 हजार रुपये की कीमत वाले मीटर की खरीद का सौदा लम्बे समय से प्रक्रिया में है और उसमें समय-समय पर नई नई बाधाएं आती रही हैं। अब यह सौदा अन्तिम चरण में था तो मीटर में चाइनीज कम्पोनेंट लगे होने का प्रकरण सामने आ गया। गत 19 अप्रैल को मीटर की संशोधित जीटीपी अनुमोदित करने के लिए कमेटी की बैठक हुई। ठीक उसी दिन एक कम्पनी ने मीटर के दोबारा परीक्षण निरीक्षण के लिए ऑफर लेटर निगम को सौंप दिया। इस पत्र का बैठक वाले दिन आना कई सवाल खड़े कर गया ।
पत्र में फर्म ने यह दावा कि चाइनीज कम्पोनेंट हटा दिए गए हैं अतः दोबारा से निरीक्षण कर संशोधित जीटीपी अनुमोदित की करने की कृपा करें। फिलहाल इस पत्र को तो निरस्त कर दिया गया है मगर शक्ति भवन के अफसर निरंतर मध्यांचल निगम के अधिकारियों से चाइनीज कम्पोनेंट लगे मीटर की जीटीपी अनुमोदित किए जाने को लेकर सवाल कर रहे हैं। इन सवालों के जवाब निदेशक तकनीकी के कार्यालय से पूछे जा रहे हैं जबकि मीटरों से सम्बंधित सभी काम कामर्शियल से किए गए हैं। निदेशक तकनीकी अजय कुमार श्रीवास्तव रोजाना के सवालों से परेशान हो चुके हैं। मध्यांचल ही अकेला ऐसा डिस्कॉम है जहां स्मार्ट मीटर के सौदे को वाणिज्यिक इकाई देख रही है। जबकि शेष कम्पनियों में निदेशक तकनीकी के द्वारा ही इसे अन्तिम रूप दिया गया है।
बैक डेट में काम करने का आरोप
बताया जा रहा है कि जीटीपी कमेटी की बैठक वाले दिन फर्म का ऑफर लेटर आ जाना अफसरों की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं। इसे लेकर जब शक्ति भवन से पूछताछ की गई तो अफसरों की गर्दन फंसती नजर आने लगी। आरोप है कि फर्म के ऑफर लेटर को 24 अप्रैल की तारीख में निरस्त किया गया जबकि लिखा पढ़ी में दिखाया गया कि पत्र 20 तारीख को ही निरस्त कर दिया गया था। मीटर के कम्पोनेंट की जीटीपी अनुमोदित करने में अफसर खुद न फंसे इसके लिए बैक डेट में कई फाइलें निपटाई जा रही हैं। यह बात किसी की पकड़ में आए इसके लिए फर्म के प्रतिनिधित को कार्यालय बुलाकर पत्र रिसीव कराए जा रहे हैं। हालांकि पूर्व में सभी पत्र ई-मेल और व्हाट्स ऐप के माध्यम से भेजे जा रहे थे ।
निदेशक तकनीकी ने किया इनकार
मध्यांचल निगम के निदेशक टेक्निकल अजय कुमार श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा कि उनके द्वारा त्याग पत्र नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि स्मार्ट प्री पेड मीटर का काम उन्होंने स्वयं निदेशक कामर्शियल को सौंपा था इसके लिए उन पर कोई दबाव नहीं था। निदेशक तकनीकी ने बताया कि उनका रिटायरमेंट जून माह में होना है। ऐसे में उनके त्यागपत्र का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि डायरेक्टर कामर्शियल को मीटर के बारे में अधिक समझ रखते हैं इस कारण वह मीटर का काम देखें तो ज्यादा बेहतर होगा।
बिजली विभाग से संबंधित अन्य पोस्ट भी देखें :
- विद्युत उपभोगता शिकायत निवारण फोरम
- मीटर रीडर की शिकायत कैसे करें
- बिजली वाले कैसे आपको लूटते है जाने इस विडियो में
- शिकायत पत्र कैसे लिखें
- उपभोक्ता मुआवजा कानून
- बिजली कनेक्शन 1 है पर बिजली बिल 2 आ रहे है
- बिना मीटर के बिजली कनेक्शन
- बिजली विभाग का टोल फ्री 1912 किसी काम का नहीं
- बिजली कनेक्शन कैसे कटवाए
उपभोगता जाग्रति और सरक्षण के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब जरुर करें |