विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद भी पावर कॉरपोरेशन ने नहीं दी रिपोर्ट

लखनऊ (एसएनबी)। विजली कम्पनियों पर राज्य उपभोक्ता परिषद ने विजली उपभोक्ताओं से ज्यादा विल वसूली का आरोप लगाया है। अनेकों जनपदों में सप्लाई टाइप वदलकर शहरी दर पर की गई अधिक वसूली पर विद्युत नियामक आयोग के आदेश के एक माह वीत जाने के बाद विजली कंपनियों ने आयोग में अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है। परिषद का आरोप है कि मामले को उलझाने के लिए विजली कम्पनियां अधिक टाइम लगा रही हैं।

ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं से शहरी दर पर बिल वसूलने का मामला

विद्युत नियामक आयोग ने 29 अगस्त को आदेश दिया था कि 10 दिन में पावर कॉरपोरेशन रिपोर्ट आयोग में जमा करे। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग से मांग की है कि विजली कंपनियों के खिलाफ अभिनव कार्रवाई शुरू की जाए।

मिली जानकारी के मुताविक विजली कंपनियों में 636 आईपीडीएस टाउन सहित प्रदेश में मैनपुरी, नोएडा, बुलंदशहर, उरई, जालौन तथा आगरा के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को अधिक विजली देने के नाम पर सप्लाई टाइप चेंज करके उनकी विजली विलिंग को शहरी दर पर करके कई गुना अधिक वसूली की गई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा 18 अगस्त को उपभोक्ता परिषद ने आयोग में एक अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिस पर आयोग ने 29 अगस्त को आदेश दिया था कि 10 दिन में पावर कॉरपोरेशन रिपोर्ट आयोग में जमा करे। उसके वावजूद भी पावर कॉरपोरेशन अभी तक एक माह बीत जाने के वावजूद भी विद्युत नियामक आयोग में रिपोर्ट नहीं जमा की है। विदित हो कि विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2016 में ही यह व्यवस्था लागू कर दी थी कि किसी भी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति चाहे जितनी अधिक दे दी जाए, उसके आधार पर उसे क्षेत्र में ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की विलिंग को शहरी विलिंग के आधार पर नहीं किया जा सकता।

vidyut niyamak ayog k adesh k baad bhi power corporation ne nahi di report

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